मंत्रालय ने बताया कि अंडमान द्वीप समूह के पूर्वी तट पर, तटरेखा से 17 किमी दूर श्री विजयपुरम-2 कुएं में प्राकृतिक गैस खोजी गई है।
- भारत के हाइड्रोकार्बन संसाधन मूल्यांकन अध्ययन (HRAS) के अनुसार अंडमान-निकोबार बेसिन में 371 मिलियन मीट्रिक टन ऑयल इक्विवेलेंट (MMTOE) हाइड्रोकार्बन संसाधन मौजूद हैं।
- भूगर्भीय रूप से अंडमान-निकोबार बेसिन, अंडमान और निकोबार बेसिन के संगम पर स्थित है, जो बंगाल-अराकान तलछट प्रणाली का हिस्सा है।
- भारतीय और बर्मा प्लेट्स की सीमा पर टेक्टोनिक गतिविधियों की वजह से यहां कई स्ट्रैटिग्राफिक ट्रैप्स निर्मित हुए हैं, जो हाइड्रोकार्बन बनने और उनके जमाव के लिए उपयुक्त हैं।
- इससे पहले भी पास के क्षेत्रों, जैसे उत्तरी सुमात्रा (इंडोनेशिया) और इरावदी-मार्गुई (म्यांमार) में गैस की खोज की जा चुकी है।
- यह खोज भारत के 2030 तक गैस-आधारित अर्थव्यवस्था बनने और प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ाकर 15% तक करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
- वर्तमान में, भारत अपनी प्राकृतिक गैस की आवश्यकता का केवल 50% उत्पादन करता है और शेष मांग आयात के जरिए पूरी करता है।
- भारत के लिए कतर, संयुक्त राज्य अमेरिका और UAE प्रमुख द्रवीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) आपूर्तिकर्ता देश हैं।
- वर्तमान में, भारत अपनी प्राकृतिक गैस की आवश्यकता का केवल 50% उत्पादन करता है और शेष मांग आयात के जरिए पूरी करता है।
भारत में प्राकृतिक गैस के अन्वेषण को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई प्रमुख पहलें:
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