प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) को 10 सितंबर 2020 को आरंभ किया गया था। इसे मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने 2020-21 से 2024-25 तक पांच साल के लिए शुरू किया था।
- अब इस योजना को 2025-26 तक बढ़ा दिया गया है।
- राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (NFDB) इस योजना के तहत प्रशिक्षण, जागरूकता और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी है।
- PMMSY को एक अम्ब्रेला योजना के रूप में क्रियान्वित किया जाएगा, जिसमें केंद्रीय क्षेत्रक के घटक और केंद्र प्रायोजित योजना के घटक दोनों शामिल होंगे।
मुख्य उपलब्धियां

- भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश बन गया है। यह वैश्विक मछली उत्पादन में लगभग 8% का योगदान करता है।
- इस योजना ने 58 लाख रोजगार सृजित किए हैं और 99,018 महिलाओं को सशक्त बनाया है।
रणनीतिक पहलें
- मात्स्यिकी में महिलाओं को सशक्त बनाना: महिलाओं से संबंधित परियोजनाओं के लिए 60% तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है और जलवायु-अनुकूल तटीय गांवों को समर्थन दिया जाता है।
- प्रौद्योगिकी अपनाना: उत्पादकता को संधारणीय रूप से बढ़ाने के लिए बायोफ्लॉक और रीसर्क्युलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (RAS) इकाइयों का विस्तार किया गया है।
- औपचारिकरण व डिजिटलीकरण: प्रधान मंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना (PMMSY की उप-योजना) और राष्ट्रीय मत्स्य डिजिटल प्लेटफॉर्म द्वारा इस क्षेत्र का औपचारिकरण किया गया है। साथ ही, लाभों के लिए सिंगल विंडो सुविधा भी प्रदान की गई है।
- क्लाइमेट रेसिलिएंट कोस्टल फिशरमैन विलेज (CRCFV): 100 CRCFV के विकास का उद्देश्य तटीय समुदायों में क्लाइमेट रेसिलिएंट क्षमता को बढ़ाना है।