तांत्रिक बौद्ध धर्म
ओडिशा के रत्नागिरी में 1,500 वर्ष से अधिक पुरानी 1.4 मीटर लंबी बुद्ध प्रतिमा का सिर और कुछ स्तूप मिले हैं। ये सभी साक्ष्य इस जगह को प्राचीन तांत्रिक बौद्ध धर्म का केंद्र साबित करते हैं।
- बौद्ध धर्म के तीन मुख्य संप्रदाय हैं:
- थेरवाद (रूढ़िवादी बौद्ध धर्म),
- महायान (ज़ेन और प्योर लैंड), और
- वज्रयान (तिब्बती बौद्ध धर्म)।
तांत्रिक बौद्ध धर्म का विकास
- तांत्रिक बौद्ध धर्म निर्वाण प्राप्ति के लिए बौद्ध दर्शन को सिर्फ सिद्धांत तक सीमित रखने के बजाय साधना (प्रयोगात्मक विधियों) पर बल देता है।
- वज्रयान, जिसे तांत्रिक बौद्ध धर्म भी कहा जाता है, चिकित्सा के गुप्त ज्ञान में विश्वास रखता है। यह सामाजिक कार्यों और बदलावों से जुड़ा हुआ है तथा मुख्य रूप से भूटान, मंगोलिया, नेपाल और तिब्बत में फैला हुआ है।
- सबसे पहले महायान बौद्ध धर्म में मंत्रोच्चार और अनुष्ठानों की शुरुआत हुई। आगे चलकर इसकी दो शाखाएं विकसित हुईं:
- मंत्रयान (आरंभिक तांत्रिक बौद्ध धर्म) और
- पारमिता-यान।
- मंत्रयान को तांत्रिक बौद्ध धर्म का 'आरंभिक' चरण माना जाता है। आगे जब इसमें योगिक क्रियाएं जुड़ गईं, तो यह पूर्ण विकसित तांत्रिक बौद्ध धर्म बन गया।
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- मंत्रयान
पद्म पुरस्कार
गृह मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर पद्म पुरस्कार 2025 की घोषणा की।
पद्म पुरस्कारों के बारे में
- ये पुरस्कार 1954 में शुरू किए गए थे। ये देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक हैं।
- ये राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति भवन में तीन निम्नलिखित श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं:
- पद्म विभूषण: असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए;
- पद्म भूषण: उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए; तथा
- पद्मश्री: किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए।
- ये पुरस्कार विविध विषयों/ गतिविधियों से संबंधित क्षेत्रों में दिए जाते हैं। जैसे- कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक कार्य, विज्ञान व इंजीनियरिंग, व्यापार एवं उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल, सिविल सेवा आदि।
- 1978, 1979 तथा 1993 से 1997 के बीच के व्यवधानों को छोड़कर, हर वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के नाम की घोषणा की जाती है।
- पद्म पुरस्कार सिर्फ एक सम्मान है। इन पुरस्कारों के साथ कोई नकद भत्ता या रेल/हवाई यात्रा में रियायत आदि जैसी कोई सुविधा/लाभ नहीं जुड़ा है।
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साहित्य अकादमी पुरस्कार
हाल ही में, चमन अरोड़ा को उनकी पुस्तक "इक होर अश्वथामा" के लिए डोगरी में साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है।
- डोगरी जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कुछ हिस्सों में बोली जाने वाली भाषा है।
साहित्य अकादमी पुरस्कार के बारे में
- उत्पत्ति: साहित्य अकादमी पुरस्कार की शुरुआत 1954 में की गई थी। यह पुरस्कार साहित्य अकादमी द्वारा दिया जाता है। यह अकादमी केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है।
- पहला पुरस्कार 1955 में दिया गया था।
- यह पुरस्कार अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त किसी भी प्रमुख भारतीय भाषा में प्रकाशित साहित्यिक दृष्टि से सबसे उत्कृष्ट रचनाओं के लिए दिया जाता है।
- अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त भाषाओं में संविधान की अनुसूची VIII के तहत सूचीबद्ध 22 भाषाएं तथा अंग्रेजी व राजस्थानी शामिल हैं।
- पुरस्कार एक मंजूषा के रूप में होता है। इसमें एक उत्कीर्ण तांबे की पट्टिका होती है और 1,00,000/- रुपये नकद दिए जाते है।
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- इक होर अश्वथामा
- चमन अरोड़ा
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भारतीय भाषा पुस्तक योजना
वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2025-26 में भारतीय भाषा पुस्तक योजना शुरू करने की घोषणा की है।
भारतीय भाषा पुस्तक योजना के बारे में
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य स्कूली और उच्चतर शिक्षा के स्तर पर भारतीय भाषाओं की पुस्तकों को डिजिटल रूप में उपलब्ध कराना है। इससे विद्यार्थियों को अपने विषयों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।
- यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के अनुरूप है। इस योजना के तहत स्कूलों और विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को डिजिटल फॉर्मेट में पाठ्य-पुस्तकें और अध्ययन सामग्री मिलेंगी।
- यह योजना ‘अस्मिता (ASMITA) पहल के उद्देश्यों को पूरा करने में भी सहायता करेगी। अस्मिता (ASMITA) से तात्पर्य है; ऑग्मेंटिंग स्टडी मटेरियल्स इन इंडियन लैंग्वेजेज थ्रू ट्रांसलेशन एंड एकेडमिक राइटिंग।
- केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और UGC ने 2024 में अस्मिता पहल की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य अगले पांच वर्षों में 22 भारतीय भाषाओं में 22,000 पुस्तकें प्रकाशित करना है।
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- राष्ट्रीय शिक्षा नीति
- भारतीय भाषा पुस्तक योजना
- अस्मिता (ASMITA) पहल