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भारत-फ्रांस संबंध (INDIA-FRANCE RELATIONSHIP)

Posted 10 Apr 2025

Updated 12 Apr 2025

38 min read

सुर्ख़ियों में क्यों? 

भारत और फ्रांस ने पेरिस में आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता की।

अन्य संबंधित तथ्य

  • फ्रांस द्वारा पेरिस में आयोजित AI एक्शन समिट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का विकास एवं उपयोग अर्थव्यवस्था, समाज और पर्यावरण की भलाई के लिए हो, ताकि आम लोग भी इससे लाभान्वित हो सकें। इस समिट में यूनेस्को ने एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में भाग लिया था।
  • इस समिट में राज्य/ सरकार के प्रमुखोंअंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों और AI क्षेत्र के व्यावसायिक नेतृत्वकर्ताओं ने भाग लिया था।
  • फ्रांस ने अगले AI एक्शन समिट के मेजबान के रूप में भारत का समर्थन किया।

भारत-फ्रांस साझेदारी के प्रमुख आयाम

फ्रांस पहला देश था, जिसके साथ भारत ने द्विपक्षीय संबंधों को घनिष्ठ बनाने के लिए 26 जनवरी, 1998 को अपनी पहली रणनीतिक साझेदारी स्थापित की थी। भारत-फ्रांस सहयोग के निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्र हैं:

सहयोग के क्षेत्र 

विवरण

आर्थिक 

  • वित्त वर्ष 2022-23 में कुल द्विपक्षीय व्यापार पहली बार 13 बिलियन अमरीकी डॉलर के आंकड़े को पार कर गया था। इसमें भारत से निर्यात 7 बिलियन अमरीकी डॉलर को पार कर गया था।

रक्षा 

 

  • महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास: शक्ति (थल सेना अभ्यास), गरुड़ अभ्यास (द्विपक्षीय वायु सेना अभ्यास), तरंग शक्ति (बहुराष्ट्रीय वायु सेना अभ्यास), वरुण अभ्यास (नौसेना अभ्यास) आदि।
  • FRIND-X (फ्रांस-इंडिया डिफेन्स स्टार्ट-अप एक्सेलेंस) को होराइजन 2047 और भारत-फ्रांस रक्षा औद्योगिक रोडमैप में निहित विज़न के तहत शुरू किया गया है।
    • यह सहयोगी मंच दोनों देशों के रक्षा इकोसिस्टम्स से जुड़े प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाएगा। इसमें रक्षा स्टार्ट-अप्स, निवेशक, इनक्यूबेटर्स, एक्सेलेरेटर्स और अकादमिक संस्थान शामिल हैं।
  • होराइजन 2047: यह रोडमैप भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ पर लॉन्च किया गया था। यह 2047 तक द्विपक्षीय संबंधों की दिशा तय करेगा।
    • 2047 में भारत की स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। इसके साथ ही, दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 100 वर्ष और रणनीतिक साझेदारी के 50 वर्ष पूरे होंगे। सरल शब्दों में, दोनों देश 2047 तक द्विपक्षीय संबंधों की दिशा तय करने के लिए एक रोडमैप अपनाने पर सहमत हुए, जिसमें भारत की स्वतंत्रता की शताब्दी, दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की शताब्दी और रणनीतिक साझेदारी के 50 वर्ष मनाए जाएंगे।
  • भारत-फ्रांस रक्षा औद्योगिक रोडमैप: इसे सैन्य हार्डवेयर के सह-डिजाइन और सह-विकास तथा अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है।

विज्ञान 

  • भारत-फ्रांस AI रोडमैप: भारत और फ्रांस का AI रोडमैप इस बात पर ज़ोर देता है कि वे सुरक्षित, खुले, संरक्षित और भरोसेमंद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बनाना चाहते हैं। यह उनके विचारों में एक जैसी सोच को दिखाता है।
  • इंडो-फ्रेंच लाइफ साइंसेज सिस्टर इनोवेशन हब की स्थापना की जाएगी।
  • NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) और फ्रांस के लाइरा कलेक्ट (Lyra Collect) बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह समझौता फ्रांस और यूरोप में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को लागू करने के लिए किया गया है।

अंतरिक्ष 

  • फ्रांस भारत के अंतरिक्ष मिशन के लिए आवश्यक घटकों और उपकरणों का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। दोनों देशों ने भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
  • दोनों देशों के बीच चल रही परियोजनाओं में संयुक्त उपग्रह तृष्णा (TRISHNA), समुद्री क्षेत्रक में जागरूकता, पेलोड, ग्राउंड स्टेशन सपोर्ट, मानव अंतरिक्ष उड़ान और पेशेवर आदान-प्रदान शामिल हैं।

परमाणु ऊर्जा

  • भारत और फ्रांस ने 2008 में एक सिविल परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए और जैतापुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र सहित शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा में सहयोग करना जारी रखा।
  • भारत इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) परियोजना का भी सदस्य है। यह फ्रांस के कैडारैचे में स्थित है और यहां दुनिया का सबसे बड़ा फ्यूजन ऊर्जा न्यूक्लियर रिएक्टर बनाया जा रहा है।
  • दोनों देश अब स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMR) और एडवांस्ड मॉड्यूलर रिएक्टर्स (AMR) के लिए साझेदारी पर काम कर रहे हैं।

अन्य क्षेत्रक 

  • जलवायु परिवर्तन: दोनों देश 2015 के पेरिस जलवायु समझौते के क्रियान्वयन को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा, दोनों देशों ने संयुक्त रूप से 2018 में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का शुभारंभ किया था।
  • संस्कृति: भारत-फ्रांस सांस्कृतिक समझौते (1966) के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, दोनों देश ईयर ऑफ़ इनोवेशन 2026 के तहत सांस्कृतिक आदान-प्रदान करेंगे।
    • ईयर ऑफ़ इनोवेशन 2026 एक बहु-क्षेत्रीय पहल है, जिसमें संस्कृति भी शामिल है। हाल ही में इसके लिए एक लोगो लॉन्च किया गया है।
  • त्रिपक्षीय सहयोग:
    • भारत-फ्रांस-ऑस्ट्रेलिया: यह त्रिपक्षीय सहयोग एक स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत को बढ़ावा देता है।
    • भारत-फ्रांस-UAE: यह त्रिपक्षीय सहयोग सौर एवं परमाणु ऊर्जा, जलवायु कार्रवाई और जैव विविधता संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करता है।

 

भारत-फ्रांस संबंधों में प्रमुख चुनौतियां 

  • परमाणु ऊर्जा सहयोग में बाधाएं: फ्रांस ने जैतापुर में परमाणु ऊर्जा रिएक्टर्स बनाने की पेशकश की है। हालांकि, इसमें कई चुनौतियां बनी हुई हैं, जिनमें उच्च लागत, देरी और भारत के CLND अधिनियम, 2010 से जुड़ी चिंताएं शामिल हैं।
    • CLND अधिनियम परमाणु आपदाओं से पीड़ित लोगों के लिए मुआवजे का प्रावधान करता है। यह फ्रांस सहित विदेशी आपूर्तिकर्ताओं के साथ तनाव का कारण बना हुआ है।
  • अलग-अलग भू-राजनीतिक रुख: फ्रांस यूक्रेन का खुलकर साथ दे रहा है और रूस का विरोध कर रहा है। वहीं, भारत इस मामले में तटस्थ है और संयुक्त राष्ट्र महासभा के संकल्प (Resolutions) पर मतदान के दौरान अनुपस्थित रहा। अलग-अलग विचारों की वजह से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक बातचीत में मुश्किल आ सकती है।
  • बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) से जुड़ी चिंताएं: कई फ्रांसीसी व्यवसायों का मानना है कि फार्मास्यूटिकल्स, फैशन और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रकों में भारत IPR (बौद्धिक संपदा अधिकार) को ठीक से लागू नहीं कर रहा है।
    • नकली उत्पादों की समस्या, पेटेंट मंजूरी में देरी और अपर्याप्त कानूनी सुरक्षा जैसे मुद्दे फ्रांसीसी निवेश एवं नवाचार सहयोग को हतोत्साहित करते हैं।
  • व्यापार संबंधी बाधाएं और संरक्षणवादी नीतियां: भारतीय निर्यात (विशेष रूप से कृषि वस्तुएं) को फ्रांस में विरोध का सामना करना पड़ता है। बासमती चावल को भौगोलिक संकेतक (GI) उत्पाद के रूप में मान्यता देने में फ्रेंच राइस एसोसिएशन का विरोध एक उल्लेखनीय उदाहरण है। इसके अलावा, यूरोपीय संघ के कठोर सैनिटरी और फाइटोसैनिटरी मानक भारतीय उत्पादों के लिए गैर-टैरिफ बाधाएं उत्पन्न करते हैं।
  • भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) में बाधा: भारत-यूरोपीय संघ व्यापक व्यापार और निवेश समझौते (Broad-based Trade and Investment Agreement: BTIA) पर 2007 से वार्ता चल रही है, लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकला है।
    • इस कारण से दोनों पक्ष अपनी व्यापारिक क्षमताओं का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
  • सीमित निजी क्षेत्रक और लोगों के बीच सीमित संपर्क: भारत-फ्रांस सहयोग मुख्य रूप से सरकार द्वारा संचालित (G2G) है, जो रक्षा, अंतरिक्ष और ऊर्जा पर केंद्रित है।
    • हालांकि, व्यापक स्तर पर व्यवसाय-से-व्यवसाय (B2B) और पीपल-टू-पीपल (P2P) जुड़ाव अभी भी कमजोर बना हुआ है।

 

निष्कर्ष 

रणनीतिक साझेदारी का अर्थ हर मुद्दे पर सहमति नहीं, बल्कि मतभेदों को निजी स्तर पर सुलझाना भी है। भारत और फ्रांस ने वर्षों से ऐसे संबंध विकसित किए हैं। दोनों देशों को परमाणु ऊर्जा से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करने, यूरोपीय संघ के साथ व्यापार समझौतों में तेजी लाने और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए बौद्धिक संपदा सुरक्षा में सुधार करना होगा। साथ ही, उन्हें वैश्विक संघर्षों, जैसे- यूक्रेन संकट, पर साझा दृष्टिकोण अपनाकर कूटनीतिक समन्वय को और प्रभावी बनाना होगा।

  • Tags :
  • भारत-फ्रांस संबंध
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