मराठी भाषा को आधिकारिक तौर पर शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्रदान किया गया | Current Affairs | Vision IAS
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मराठी भाषा को आधिकारिक तौर पर शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्रदान किया गया

Posted 09 Jan 2025

13 min read

यह दर्जा मराठी की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत और राष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान को आकार देने में उसकी भूमिका को स्वीकार करता है।

भारत में शास्त्रीय भाषा

  • पृष्ठभूमि: भारत सरकार ने 2004 में “शास्त्रीय भाषाओं” के रूप में भाषाओं की एक नई श्रेणी बनाने का निर्णय लिया था।
  • शास्त्रीय भाषा घोषित करने के मानदंड: ये मानदंड 2004 में तय किए गए थे। बाद में 2024 में भाषा विशेषज्ञ समिति ने इन मानदंडों में संशोधन किए थे। ये मानदंड हैं:
    • संबंधित भाषा के प्रारंभिक ग्रन्थ अति-प्राचीन होने चाहिए। वास्तव में इस  भाषा का 1500-2000 वर्षों का अभिलेखित इतिहास होना चाहिए।
    • संबंधित भाषा का अपना प्राचीन साहित्य/ ग्रंथों का एक संग्रह होना चाहिए। साथ ही, इस भाषा को बोलने वाली कई पीढ़ियां इन प्राचीन साहित्य/ ग्रंथों को अपनी विरासत मानती हों।
    • कविता, अभिलेख और शिलालेख साक्ष्य के अलावा संबंधित भाषा के अपने ज्ञान ग्रंथ, विशेष रूप से गद्य ग्रंथ भी होने चाहिए।
    • शास्त्रीय भाषाएं और इनके साहित्य अपने वर्तमान स्वरूप से अलग हो सकते हैं। इसका अर्थ है कि मूल भाषा-साहित्य, अपने से उत्पन्न शाखाओं से अलग स्वरूप वाले हो सकते हैं।
  • शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त अन्य भाषाएं: शुरुआत से 6 भारतीय भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्रदान किया गया था। ये हैं- तमिल (2004 में), संस्कृत (2005 में), कन्नड़ (2008 में), तेलुगु (2008 में), मलयालम (2013 में) और ओडिया (2014 में)।
    • हाल ही में, मराठी के अलावा पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाओं के लिए यह दर्जा स्वीकृत किया गया है।

शास्त्रीय भाषा के लाभ

  • संरक्षण और दस्तावेज़ीकरण: शास्त्रीय भाषा  का दर्जा मिलने से उस भाषा के प्राचीन ग्रंथों के दस्तावेज़ीकरण, संरक्षण और डिजिटलीकरण को बढ़ावा मिलता है। साथ ही अनुवाद, प्रकाशन, अभिलेखीकरण, डिजिटल मीडिया आदि में रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। 
  • शैक्षणिक लाभ: शिक्षा मंत्रालय उक्त भाषाओं के विद्वानों के लिए दो प्रतिष्ठित वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों का प्रावधान करता है।
  • वित्त-पोषण: शोध और इन भाषाओं की बेहतरी के लिए सरकार द्वारा वित्त प्रदान किया जाता है।

मराठी भाषा 

  • मराठी भाषा के बारे में: मराठी इंडो-आर्यन (भारोपीय) भाषा है। आधुनिक मराठी का उद्भव महाराष्ट्री प्राकृत से हुआ है, जो पश्चिमी भारत में बोली जाने वाली प्राकृत भाषा थी। गौरतलब है कि महाराष्ट्री प्राकृत सातवाहनों की राजकीय भाषा थी।
    • गाथासप्तशती, सातवाहन राजा हाल द्वारा रचित काव्य संग्रह है। यह मराठी की सबसे प्रारंभिक ज्ञात साहित्यिक कृतियों में से एक है।
  • Tags :
  • शास्त्रीय भाषा
  • मराठी भाषा
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