आर्कटिक-बोरियल क्षेत्र | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

साथ ही खबरों में

Posted 22 Jan 2025

Updated 23 Jan 2025

31 min read

आर्कटिक-बोरियल क्षेत्र

हालिया अध्ययनों से पता चला है कि आर्कटिक-बोरियल क्षेत्र (ABZ) का 34% हिस्सा अब कार्बन सिंक की बजाय कार्बन उत्सर्जन का स्रोत बन गया है।

  • इस बदलाव के मुख्य कारण हैं- उत्तरी अक्षांशों में रीजनल हॉटस्पॉट्स का बढ़ना, पर्माफ्रॉस्ट का पिघलना और वनाग्नि की बढ़ती संख्या।

आर्कटिक-बोरियल क्षेत्र (ABZ) के बारे में

  • ABZ में उत्तरी गोलार्ध में वृक्ष-विहीन टुंड्रा व बोरियल वन और आर्कटिक सर्कल के साथ स्थित आर्द्रभूमियां शामिल हैं।
    • बोरियल वन को टैगा के नाम से भी जाना जाता है। यह विश्व का सबसे बड़ा स्थलीय बायोम है। इसमें सदाबहार और शंकुधारी वनों की प्रधानता है। 
    • आर्कटिक टुंड्रा में प्रजातियों की विविधता बहुत कम है तथा निवल प्राथमिक उत्पादकता भी कम है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यहां की मिट्टी 12 महीने जमी हुई अवस्था में रहती है, जिसे पर्माफ्रॉस्ट कहा जाता है। 
  • Tags :
  • कार्बन सिंक
  • आर्कटिक
  • आर्कटिक-बोरियल क्षेत्र
  • शंकुधारी वन

परागणक (Pollinators)

एक हालिया शोध के अनुसार कृषि में नाइट्रोजन उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से फूलों की संख्या में पांच गुना कमी आती है। साथ ही, परागणक कीटों (जैसे- मधुमक्खी) की संख्या भी आधी रह जाती है। 

परागणकों (Pollinators) के बारे में

  • परागणक पराग को फूल के नर जननांग (पुंकेसर/ Stamen) से मादा जननांग (वर्तिकाग्र/ Stigma) में स्थानांतरित करता है। इससे निषेचन संभव हो पाता है।
  • परागणकों में कीट और जंतु शामिल हैं। इनमें शामिल हैं- मधुमक्खियां, तितलियां, पतंगे, चमगादड़, पक्षी, मक्खियां, आदि। 
  • परागणक का महत्त्व:
    • खाद्य आपूर्ति: विश्व की लगभग 35% खाद्य फसलें प्रजनन के लिए जंतु परागणकों पर निर्भर हैं।
    • पारिस्थितिकी-तंत्र स्वास्थ्य: 75% पुष्पी पादप प्रजनन के लिए परागणकों पर निर्भर होते हैं। इससे मिट्टी को स्थिर रखने व हवा को स्वच्छ रखने में मदद मिलती है तथा वन्य जीवन को सहारा प्राप्त होता है। 
  • Tags :
  • परागणक
  • मधुमक्खियां
  • कीट और जंतु
  • तितलियां

स्क्रैमजेट इंजन

रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (DRDL) ने 120 सेकंड के लिए एक्टिव कूल्ड स्क्रैमजेट कॉम्बस्टर ग्राउंड टेस्ट का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया। हैदराबाद में स्थित DRDL, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की इकाई है। 

  • इस सफलता में एंडोथर्मिक स्क्रैमजेट ईंधन ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह कूलिंग को बढ़ाने और आसानी से प्रज्वलन में मदद करता है।
  • लाभ: यह नेक्स्ट जनरेशन हाइपरसोनिक मिसाइल प्रणालियों के विकास में सहायक है।

स्क्रैमजेट इंजन के बारे में

  • कार्य: यह एयर-ब्रीदिंग जेट इंजन का एक रूप है। यह घूर्णनशील कंप्रेसर के बिना दहन हेतु रॉकेट के आगे की हवा को कंप्रेस करने के लिए हाइपरसोनिक रॉकेट के फॉरवर्ड मोशन का उपयोग करता है।
  • क्षमता: यह हाइपरसोनिक गति पर प्रभावी तरीके से 
  • Tags :
  • DRDO
  • स्क्रैमजेट इंजन
  • एंडोथर्मिक स्क्रैमजेट ईंधन
  • एयर-ब्रीदिंग जेट इंजन

मिशन SCOT

प्रधान मंत्री ने मिशन SCOT की सफलता के लिए दिगंतारा टीम को बधाई दी।

मिशन SCOT के बारे में

  • SCOT से आशय है- स्पेस कैमरा फॉर ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग। 
  • उद्देश्य: यह अंतरिक्ष में ऑब्जेक्ट्स पर नजर रखकर इनकी मैपिंग करेगा।
  • लाभ:
    • यह पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में ऑब्जेक्ट्स की सटीक तरीके से ट्रैकिंग और इमेजिंग में मदद करेगा।
    • यह अंतरिक्ष में सैटेलाइट्स की सटीक ट्रैकिंग में भी मदद करेगा। 
  • योगदान: यह स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस बढ़ाने की दिशा में भारतीय अंतरिक्ष उद्योग के विकास में योगदान देगा।  
  • Tags :
  • LEO
  • दिगंतारा
  • मिशन SCOT
  • स्पेस कैमरा फॉर ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग

प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)

महाराष्ट्र कृषि विभाग ने पाया कि प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत दायर किए गए कम-से-कम 4.14 लाख फसल बीमा क्लेम फर्जी हैं। 

प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के बारे में 

  • उद्देश्य: फसल हानि/ क्षति से पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना, उनकी आय को स्थिर करना, आधुनिक कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहित करना, ऋण प्रवाह सुनिश्चित करना, आदि।
  • मंत्रालय: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय।
  • लाभार्थी: बटाईदार और काश्तकार किसानों सहित सभी किसान। 
  • कवर की गई फसलें: खाद्यान्न फसलें (अनाज, मिलेट्स आदि), तिलहन और वार्षिक वाणिज्यिक/ बागवानी फसलें। 
  • जोखिमों का कवरेज: प्राकृतिक आगजनी, तड़ित, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, बाढ़, भूस्खलन, सूखा, कीट/ रोग जैसे गैर-निवारणीय जोखिमों के कारण उपज में होने वाली हानि कवर की जाती है।
    • फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान और स्थानीय विपदाओं के कारण होने वाले नुकसान को भी कवर किया जाता है। 
  • Tags :
  • प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)
  • फसल बीमा
  • महाराष्ट्र कृषि विभाग
  • कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय

कलारिपयट्टू

उत्तराखंड में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों में कलारिपयट्टू को प्रदर्शन हेतु इवेंट्स की सूची में शामिल कर लिया गया है। इसे प्रतियोगिता वर्ग से हटा दिया गया है। 

कलारीपयट्टू के बारे में 

  • यह केरल में विकसित हुआ था। यह सबसे प्राचीन मार्शल परंपराओं में से एक है, जिसका इतिहास संगम काल से जुड़ा है। 
  • 'कलारी' का अर्थ है प्रशिक्षण केंद्र या वह स्थान जहां अभ्यास होता है और 'पयट्टू' का अर्थ है लड़ाई या कठोर शारीरिक अभ्यास। 
  • दो मुख्य शैलियां: 
    • वडक्कन या उत्तरी शैली केरल के मालाबार क्षेत्र में प्रचलित है।
    • थेक्केन या दक्षिणी शैली मुख्य रूप से त्रावणकोर क्षेत्र में प्रचलित है। 
  • Tags :
  • उत्तराखंड
  • कलारिपयट्टू
  • केरल
  • 38वें राष्ट्रीय खेल

ऑस्ट्रेलोपिथेकस

नए शोध से यह साक्ष्य मिला है कि प्रारंभिक मानव के महत्वपूर्ण पूर्वज ऑस्ट्रेलोपिथेकस बहुत कम या बिल्कुल भी मांस नहीं खाते थे। वे वनस्पति आधारित आहार पर निर्भर रहते थे। 

  • दांतों के इनेमल पर किए गए नाइट्रोजन आइसोटोप एनालिसिस से ऑस्ट्रेलोपिथेकस में मांस उपभोग का कोई साक्ष्य नहीं मिला है। 
  • ये निष्कर्ष प्रारंभिक मानवों के बारे में पिछली धारणाओं को चुनौती देते हैं। ये निष्कर्ष यह इंगित करते हैं कि बाद की प्रजातियों में मांसाहार की प्रवृत्ति उभर कर सामने आई होगी। 

ऑस्ट्रेलोपिथेकस के बारे में 

  • ऑस्ट्रेलोपिथेकस अफ़रेन्सिस सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाली और सबसे प्रसिद्ध प्रारंभिक मानव प्रजातियों में से एक है। 
  • यह प्रजाति लगभग 4.2 से 1.9 मिलियन वर्ष पहले पूर्वी एवं दक्षिणी अफ्रीका में निवास करती थी।
  • परिणामों से पता चलता है कि ये प्रारंभिक मानव मुख्य रूप से पादप-आधारित आहार पर निर्भर थे। इनके द्वारा मांस उपभोग के साक्ष्य बहुत कम हैं।   
  • Tags :
  • ऑस्ट्रेलोपिथेकस
  • नाइट्रोजन आइसोटोप एनालिसिस
Watch News Today
Subscribe for Premium Features