साहित्य का नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize In Literature)
दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को उनके गहन काव्यात्मक गद्य के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया। उनका यह काव्यात्मक गद्य ऐतिहासिक आघातों और मानव जीवन की नाजुकता को केंद्र में रखता है।
नोबेल पुरस्कारों के बारे में
- स्थापना: ये पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत द्वारा स्थापित किए गए थे। ये पुरस्कार पहली बार 1901 में दिए गए थे। प्रत्येक पुरस्कार श्रेणी के तहत 10 मिलियन क्रोनर की राशि दी जाती है।
- नोबेल पुरस्कार अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार हैं। इनका प्रशासन स्टॉकहोम (स्वीडन) में स्थित नोबेल फाउंडेशन करता है। ये पुरस्कार छह श्रेणियों में हर साल दिए जाते हैं।
- ये 6 श्रेणियां हैं- चिकित्सा, भौतिकी, रसायन विज्ञान, साहित्य, अर्थशास्त्र और शांति।
- 1968 में स्वीडन के केंद्रीय बैंक ने अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान पुरस्कार (अर्थशास्त्र में नोबेल) की स्थापना की थी।
- 1974 से नोबेल फाउंडेशन के नियमों में यह प्रावधान किया गया कि यह पुरस्कार मरणोपरांत नहीं दिया जाएगा। यदि पुरस्कार की घोषणा के बाद संबंधित व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को पुरस्कार देने का प्रावधान है।
- Tags :
- साहित्य का नोबेल पुरस्कार
- अल्फ्रेड नोबेल
- नोबेल फाउंडेशन
नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize)
2024 का नोबेल शांति पुरस्कार जापानी संगठन निहोन हिडांक्यो को परमाणु हथियारों से मुक्त विश्व बनाने के प्रयासों के लिए दिया गया है।
- यह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु बम हमले से बचे लोगों का एक जमीनी स्तर का आंदोलन है।
नोबेल शांति पुरस्कार के बारे में
- यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जो "राष्ट्रों के बीच भाईचारे, स्थायी सेनाओं के उन्मूलन/ कमी और शांति सम्मेलनों के आयोजन एवं प्रचार" के लिए कार्य करते हैं।
- 2017 में यह पुरस्कार अंतर्राष्ट्रीय परमाणु हथियार उन्मूलन अभियान (ICAN) को दिया गया था। इस अभियान को यह पुरस्कार परमाणु हथियार निषेध संधि के लिए अभूतपूर्व कार्यों सहित परमाणु निरस्त्रीकरण प्रयासों के लिए दिया गया था। संयुक्त राष्ट्र ने इस संधि को 2017 में अपनाया था।
- Tags :
- नोबेल शांति पुरस्कार
- अंतर्राष्ट्रीय परमाणु हथियार उन्मूलन अभियान (ICAN)
- नोबेल शांति पुरस्कार के बारे में
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC) के विकास को मंजूरी दी (Cabinet Approves Development Of NMHC at Lothal, Gujarat)
राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC) को पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा सागरमाला कार्यक्रम के तहत विकसित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC) के बारे में
- उद्देश्य: भारत की समृद्ध और विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करना। साथ ही, विश्व में सबसे बड़ा समुद्री विरासत परिसर बनाना।
- लोथल का महत्त्व: यह खंभात की खाड़ी के पास भोगावो और साबरमती नदियों के बीच स्थित है।
- यह सिंधु-घाटी सभ्यता का एक प्रमुख शहर रहा है। यहां से विश्व के सबसे पुराने मानव निर्मित गोदीवाड़ा (ड्राई-डॉक) के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। यह गोदीवाड़ा 2400 ईसा पूर्व का है।
- लोथल में गोदीवाड़ा की खोज से उस अवधि के दौरान समुद्री ज्वार, पवन और अन्य समुद्री कारकों के बारे में जानकारी मिलती है।
- यह सिंधु-घाटी सभ्यता का एक प्रमुख शहर रहा है। यहां से विश्व के सबसे पुराने मानव निर्मित गोदीवाड़ा (ड्राई-डॉक) के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। यह गोदीवाड़ा 2400 ईसा पूर्व का है।
- प्रमुख परियोजनाएं: विरासत परिसर में विश्व स्तरीय लाइटहाउस संग्रहालय, तटीय राज्य पवेलियन, समुद्री-थीम वाला इको-रिज़ॉर्ट आदि शामिल हैं।
भारत की समुद्री विरासत के बारे में
- प्राचीन विरासत (3000-2000 ईसा पूर्व): सिंधु घाटी सभ्यता का मेसोपोटामिया के साथ समुद्री मार्ग से व्यापारिक संबंध था।
- वैदिक युग (2000-500 ईसा पूर्व): समुद्री गतिविधियों का सबसे प्रारंभिक उल्लेख ऋग्वेद में प्राप्त होता है।
- नंद और मौर्य युग (500-200 ईसा पूर्व): मगध साम्राज्य की नौसेना को विश्व के इतिहास में दर्ज पहली नौसेना माना जाता है।
- सातवाहन राजवंश (200 ईसा पूर्व-220 ईस्वी): वे जहाजों के प्रतीक वाले सिक्के जारी करने वाले पहले भारतीय शासक थे।
- गुप्त राजवंश (320-500 ईस्वी): गुप्त शासकों ने भारत के पूर्वी और पश्चिमी तटों पर कई बंदरगाहों का विकास किया था। इससे यूरोपीय और अफ्रीकी देशों के साथ समुद्री व्यापार को पुनर्जीवित करने में मदद मिली थी।
- मराठा: शिवाजी के अधीन मराठा नौसेना के पास 500 से अधिक जहाज थे। इस तरह उनके पास मजबूत नौसेना थी।
- दक्षिण भारत के राजवंश: चोल, चेर, पांड्य और विजयनगर साम्राज्य अपने समुद्री संसाधनों के लिए विख्यात थे।
- Tags :
- राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC)
- भारत की समुद्री विरासत
- दक्षिण भारत के राजवंश:
Articles Sources
असम के 8 उत्पादों को Gi टैग मिला (Geographical Indications Tag To 8 Assam Products)
चेन्नई स्थित भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री ने असम के आठ उत्पादों को GI टैग प्रदान किया है।
उत्पादों के बारे में
- इन उत्पादों में पारंपरिक रूप से किण्वित चावल आधारित तीन मादक पेय शामिल हैं। ये पेय हैं- बोडो जौ गोरान , बोडो जौ गिशी और मैबरा जौ बिडवी।
- इन उत्पादों में चार पारंपरिक व्यंजन भी शामिल हैं:
- बोडो नेफाम: यह किण्वित मछली से बना व्यंजन है।
- बोडो ओंडला: यह चावल के पाउडर की करी है।
- बोडो ग्वखा: स्थानीय तौर पर इसे 'ग्वका ग्वखी' कहा जाता है। इसे बिविसागु उत्सव के दौरान तैयार किया जाता है।
- बोडो नारज़ी: यह जूट के पत्तों से बना अर्ध-किण्वित खाद्य है।
- बोडो अरोनाई: एक पारंपरिक शॉल या दुपट्टा है।
- Tags :
- GI टैग
- भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री
राष्ट्रमंडल खेल (CWG) 2026 {Commonwealth Games (CWG) 2026}
हाल ही में, राष्ट्रमंडल खेलों के 2026 संस्करण का अनावरण किया गया। इसमें केवल 10 खेल शामिल हैं। इस संस्करण का आयोजन ग्लासगो में किया जाएगा।
राष्ट्रमंडल खेल (CWG) 2026 के बारे में
- जिन 12 श्रेणियों में भारत ने 2022 CWG में पदक जीता था, उनमें से 6 को 2026 संस्करण से हटा दिया गया है। उल्लेखनीय है कि 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने कुल 61 पदक जीते थे। इनमें से 30 इन्हीं 6 श्रेणियों में जीते गए थे।
- इनमें बैडमिंटन, क्रिकेट, हॉकी, स्क्वैश, टेबल टेनिस और कुश्ती शामिल हैं।
राष्ट्रमंडल खेलों के बारे में
- राष्ट्रमंडल खेल पहली बार 1930 में हैमिल्टन (कनाडा) में आयोजित किए गए थे।
- इन खेलों का आयोजन प्रत्येक चार साल में किया जाता है। भारत ने 2010 में दिल्ली में इन खेलों की मेजबानी की थी।
- Tags :
- राष्ट्रमंडल खेल (CWG)
- राष्ट्रमंडल खेलों के 2026 संस्करण का अनावरण
- राष्ट्रमंडल खेलों के बारे में
पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी पहल (Paryatan Mitra And Paryatan Didi Initiative)
पर्यटन मंत्रालय ने राष्ट्रीय दायित्वपूर्ण पर्यटन पहल के रूप में पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी की शुरुआत की है।
इस पहल के बारे में
- इसका उद्देश्य पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों के समग्र अनुभव को बेहतर बनाना है। इसके लिए पर्यटकों को “अतिथ्य-प्रेमी” लोगों से मिलवाया जाएगा। ये लोग पर्यटक स्थलों के ‘दूत’ और ‘कहानीकार’ के रूप में कार्य करेंगे।
- यह कार्य उन सभी व्यक्तियों को पर्यटन संबंधी प्रशिक्षण और जागरूकता प्रदान करके किया जा रहा है, जो किसी पर्यटक स्थल पर पर्यटकों के साथ बातचीत एवं संवाद करते हैं।
- इसमें खाद्य पर्यटन, शिल्प पर्यटन जैसे पर्यटन-संबंधी नए उत्पादों और अनुभवों को विकसित करने के लिए महिलाओं एवं युवाओं के प्रशिक्षण पर विशेष जोर दिया गया है।
- Tags :
- पर्यटन मित्र और पर्यटन दीदी पहल
- पर्यटन मंत्रालय
पौमई नागा जनजाति (Poumai Naga Tribe)
मणिपुर के सेनापति जिले के पुरुल गांव की पौमई नागा जनजाति ने अपने क्षेत्र में जंगली जानवरों और पक्षियों के शिकार, जाल बिछाने और मारने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पौमई नागा जनजाति के बारे में:
- यह मणिपुर की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी नागा जनजातियों में से एक है।
- यह जनजाति मणिपुर और नागालैंड में निवास करती है।
- इस जनजाति के लोग पौली (मिट्टी के बर्तन) और पौताई (पौ नमक) उत्पादन के लिए जाने जाते हैं।
- भाषा: पौला
- Tags :
- पौमई नागा जनजाति
- Poumai Naga Tribe