श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर (Kartarpur Sahib Corridor) | Current Affairs | Vision IAS
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श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर (Kartarpur Sahib Corridor)

Posted 30 Nov 2024

15 min read

सुर्ख़ियों में क्यों?

हाल ही में, भारत और पाकिस्तान ने श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर समझौते की वैधता को अगले पांच वर्षों की अवधि के लिए बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है।

डेरा बाबा नानक - श्री करतारपुर साहिब तीर्थयात्रा के बारे में

  • गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित है। यह भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के ऐतिहासिक शहर डेरा बाबा नानक के पास भारत-पाकिस्तान सीमा से लगभग 4.5 किलोमीटर दूर है।
    • करतारपुर गांव, रावी नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है।
    • गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक रावी नदी के पूर्वी तट पर है।

श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर समझौते के बारे में

  • श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर समझौते पर मूल रूप से 2019 में हस्ताक्षर किए गए थे और यह 5 वर्षों के लिए वैध था। इसलिए, इसे नवीनीकृत किया गया है।
  • इस समझौते के तहत, भारतीय तीर्थयात्रियों और ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्डधारकों को भारत से पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर तक वर्ष भर दैनिक आधार पर वीजा-मुक्त यात्रा का प्रावधान किया गया है।
    • हालांकि, पाकिस्तानी सिखों को इस गलियारे का प्रयोग करने की अनुमति नहीं है। वे भारतीय वीज़ा प्राप्त किए बिना भारत में डेरा बाबा नानक तक नहीं जा सकते हैं।
  • गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जाने वाले सभी तीर्थयात्रियों को उसी दिन भारत वापस लौटना होता है।
  • पाकिस्तान प्रत्येक तीर्थयात्री से प्रत्येक यात्रा के लिए 20 अमेरिकी डॉलर वसूलता है।
  • इस समझौते के तहत, इस गलियारे से यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों की आस्था पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

करतारपुर साहिब गलियारे का महत्त्व

  • सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व
    • करतारपुर गुरु नानक देव जी का अंतिम विश्राम स्थल था। इस स्थान पर उन्होंने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे।
      • ऐसा माना जाता है कि गुरु नानक ने सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब के कई शबद की रचना करतारपुर में की थी।
      • गुरु का लंगर नामक सामुदायिक भोजन भी करतारपुर में ही शुरू किया गया था, जो सिख परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • गुरु नानक देव ने सबसे पहले यहां सिख धर्म के तीन नियमों का पालन किया था:
    • किरत करो (ईमानदारी से मेहनत करके आजीविका कमाना); वंड छको (धन, संपत्ति और प्रतिभा को जरूरतमंदों के साथ बांटो) और नाम जपो (पाठ, जप और कीर्तन के माध्यम से ध्यान) को मुक्ति का मार्ग माना जाता है।
  • शांति और कूटनीति: यह गलियारा धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देता है और लोगों से लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देता है। यह राजनीतिक मतभेदों के बावजूद भारत और पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ाने में मदद करता है।

महत्वपूर्ण सिख तीर्थ स्थल

  • गुरुद्वारा श्री जन्म स्थान (ननकाना साहिब, पाकिस्तान)- गुरु नानक का जन्मस्थान
  • गुरुद्वारा बेर साहिब (सुल्तानपुर लोधी, पंजाब)
  • श्री अकाल साहिब तख्त {श्री हरिमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) अमृतसर}
  • तख्त श्री केशगढ़ साहिब (आनंदपुर साहिब, पंजाब)
  • तख्त श्री दमदमा साहिब (तलवंडी साबो, पंजाब)
  • तख्त श्री पटना साहिब (बिहार)
  • तख्त श्री हजूर साहिब (नांदेड़, महाराष्ट्र)
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