सुर्ख़ियों में क्यों?
हाल ही में, भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ गया था।
अन्य संबंधित तथ्य

- राजनयिक विवाद के बीच भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाया और 6 कनाडाई राजनयिकों को अपने देश से निष्कासित कर दिया।
- भारत और कनाडा के बीच यह राजनयिक तनाव तब उत्पन्न हुआ जब कनाडा की सरकार ने वहां मौजूद भारतीय अधिकारियों पर एक आपराधिक मामले में शामिल होने का आरोप लगाया। साथ ही, इन अधिकारियों के खिलाफ जांच करने के लिए भारत सरकार से उन्हें प्राप्त राजनयिक छूट को खत्म करने की मांग की। भारत सरकार ने कनाडा के इन आरोपों को निराधार बताया है।
- राजनयिक छूट या सुरक्षा (Diplomatic immunity) अंतर्राष्ट्रीय कानून का एक सिद्धांत है। इसके अनुसार, विदेशी सरकारी अधिकारी अपनी आधिकारिक और व्यक्तिगत गतिविधियों के लिए मेजबान देश की स्थानीय अदालतों एवं अन्य प्राधिकारियों के अधिकार-क्षेत्र के अधीन नहीं आते।
- राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन, 1961 राजनयिक अधिकारियों को विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां/ छूट प्रदान करता है।
- राजनयिक छूट या सुरक्षा (Diplomatic immunity) अंतर्राष्ट्रीय कानून का एक सिद्धांत है। इसके अनुसार, विदेशी सरकारी अधिकारी अपनी आधिकारिक और व्यक्तिगत गतिविधियों के लिए मेजबान देश की स्थानीय अदालतों एवं अन्य प्राधिकारियों के अधिकार-क्षेत्र के अधीन नहीं आते।
भारत-कनाडा संबंधों में हालिया गिरावट के लिए जिम्मेदार कारक
- खालिस्तानी उग्रवादियों का मुद्दा: कनाडा सरकार द्वारा समर्थित खालिस्तानी अलगाववादी समूह भारत-कनाडा संबंधों में तनाव पैदा कर रहे हैं। इसके कारण दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में गिरावट आ रही है।
- भारतीय संप्रभुता: भारत की बार-बार चेतावनी के बावजूद, कनाडा की सरकार खालिस्तानी गतिविधियों का समर्थन कर रही है। 2023 में कनाडा ने एक स्वतंत्र सिख स्टेट के गठन पर अनौपचारिक जनमत संग्रह जैसी गतिविधि का समर्थन किया था। इसे भारत ने अपनी संप्रभुता के खिलाफ माना था।
- सुरक्षा सहयोग: कनाडा में रहने वाले उग्रवादियों और संगठित अपराध नेटवर्क से जुड़े अपराधियों को लेकर भारत सरकार के प्रत्यर्पण अनुरोधों को कनाडा की सरकार ने कई बार नजरअंदाज किया है।
- निष्क्रिय समझौते: दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते तथा विदेशी निवेश संवर्धन एवं संरक्षण समझौते में कोई प्रगति नहीं देखी गई है।
- वोट बैंक की राजनीति: सिख समुदाय (विशेष रूप से ओन्टारियो और ब्रिटिश कोलंबिया जैसे प्रांतों में), कनाडा के राजनीतिक दलों (खासकर लिबरल पार्टी) के लिए प्रमुख वोट बैंक हैं।
राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन, 1961 के बारे में
|
भारत-कनाडा संबंधों का महत्त्व
- रणनीतिक और सुरक्षा सहयोग: दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम-आधारित व्यवस्था का समर्थन करते हैं, जो क्षेत्रीय सुरक्षा, शांति और व्यापार के लिए आवश्यक है।
- कनाडा की हिंद-प्रशांत रणनीति, चीन को 'आक्रामक विघटनकारी वैश्विक शक्ति' के रूप में और भारत को क्षेत्र के साझा हितों में सहयोग के लिए 'महत्वपूर्ण भागीदार' के रूप में स्वीकार करती है।
- आर्थिक और व्यापार: 2023 में, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वस्तु व्यापार 9.36 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था। इसमें भारत ने 3.80 बिलियन डॉलर का निर्यात और 5.56 बिलियन डॉलर का आयात किया था।
- 2023 में द्विपक्षीय सेवा व्यापार 9.99 बिलियन डॉलर था।
- निवेश के अवसर: कनाडाई पेंशन फंड्स ने भारत में कमोबेश 75 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है। साथ ही, ये फंड्स भारत को निवेश के लिए एक अनुकूल गंतव्य के रूप में भी देखते हैं।
- प्रवासी: कनाडा दुनिया के उन देशों में शुमार है जहां अत्यधिक संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं। यहां लगभग 1.8 मिलियन भारतीय निवास करते हैं, जो कनाडा की कुल आबादी का 3% से अधिक है।
- असैन्य परमाणु सहयोग: कनाडा के साथ परमाणु सहयोग समझौते पर 2010 में हस्ताक्षर किए गए थे। इसके तहत असैन्य परमाणु सहयोग पर एक संयुक्त समिति का गठन किया गया था।
- रक्षा सहयोग: सैन्य और रक्षा संबंधी प्रौद्योगिकी, अवसंरचना आदि के विकास के लिए DRDO व कनाडाई वाणिज्यिक निगम के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) को 2021 में नवीनीकृत किया गया था। गौरतलब है कि इस पर 2016 में हस्ताक्षर किए गए थे।
हालिया कूटनीतिक गिरावट के संभावित प्रभाव
- रणनीतिक सहयोग: फाइव आई एलायंस सहित पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया अपेक्षाकृत संयमित रही है। इससे सुरक्षा, रक्षा, परमाणु ऊर्जा आदि में सहयोग पर दबाव पड़ सकता है।
- आर्थिक और व्यापार समझौते: द्विपक्षीय व्यापार और निवेश प्रवाह को नुकसान पहुंच सकता है। साथ ही, व्यापार वार्ता में और देरी हो सकती है।
- उदाहरण के लिए, भारत-कनाडा व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (Comprehensive Economic Partnership Agreement: CEPA), विदेशी निवेश संवर्धन और संरक्षण समझौता (Foreign Investment Promotion and Protection Agreement: FIPA), तथा अर्ली प्रोग्रेस ट्रेड एग्रीमेंट (EPTA)।
- प्रवासी और छात्र चिंता: बढ़ते तनाव से कनाडा में प्रवासी भारतीय विशेषकर भारतीय छात्र प्रभावित हो सकते हैं।
- दिसंबर, 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार, अनुमानित 2,30,000 भारतीय छात्र कनाडा में पढ़ते हैं। इनमें देश की अंतर्राष्ट्रीय छात्र आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा शामिल है।
- आव्रजन और वीज़ा प्रोसेसिंग: सुरक्षा संबंधी खतरों का हवाला देते हुए वीज़ा सेवाओं का संभावित निलंबन, दोनों देशों के लोगों के लिए यात्रा और आव्रजन योजनाओं को बाधित कर सकता है।
फाइव आई अलायंस के बारे में
|
दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए उठाए जा सकने वाले जरूरी कदम
- रचनात्मक कूटनीति: आपसी चिंताओं का पारदर्शी तरीके से समाधान निकालने के लिए उच्च स्तरीय चर्चा शुरू करनी चाहिए।
- दोनों पक्षों को यथास्थिति को बाधित किए बिना अपनी चिंताओं को व्यक्त करना चाहिए।
- सुरक्षा सहयोग: दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित "आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए सहयोग की रूपरेखा (2018) के तहत आतंकवाद व खालिस्तानी उग्रवाद से निपटने के लिए सहयोग करना चाहिए।
- आर्थिक और व्यापार संबंध: आर्थिक संबंधों, निवेश प्रवाह आदि के पुनर्निर्माण के लिए व्यापार समझौतों (जैसे- CEPA) पर फिर से वार्ता आरंभ करनी चाहिए।
- प्रवासी भारतीयों को शामिल करना: दोनों देशों को लोगों के बीच संबंधों, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और संवाद तथा संघर्ष समाधान प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए प्रवासी भारतीयों व ट्रैक- II कूटनीति माध्यमों को प्रोत्साहित करना चाहिए।
- सामरिक हित: हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन को प्रतिसंतुलित करने और नौवहन की स्वतंत्रता व नियम-आधारित व्यवस्था पर बल देने जैसे प्रमुख सामरिक हितों में सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता है।