केयर-एज ने अपनी पहली सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग जारी की (CareEdge Released Its Inaugural Sovereign Credit Ratings) | Current Affairs | Vision IAS
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संक्षिप्त समाचार

Posted 30 Nov 2024

35 min read

केयर-एज ने अपनी पहली सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग जारी की (CareEdge Released Its Inaugural Sovereign Credit Ratings)

केयर-एज (CareEdge) ने 39 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं को कवर करते हुए सॉवरेन रेटिंग पर अपनी पहली रिपोर्ट जारी की

  • केयरएज भारत की ऐसी पहली क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है, जिसने सॉवरेन रेटिंग सहित वैश्विक स्तर की रेटिंग क्षेत्र में प्रवेश किया है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर:

  • इसमें जर्मनी, नीदरलैंड, सिंगापुर और स्वीडन को AAA रेटिंग दी गई है। 
  • भारत को BBB+ रेटिंग दी गई है। भारत को यह रेटिंग महामारी के बाद की लचीली रिकवरी और अवसंरचना में निवेश करने के चलते दी गई है। 
  • भारत का सामान्य सरकारी ऋण-जीडीपी अनुपात वित्त वर्ष 2030 तक वर्तमान के 80% से घटकर 78% होने का अनुमान है। 

सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग (SCR) के बारे में

  • क्रेडिट रेटिंग किसी संस्था की वित्तीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की उसकी सापेक्ष क्षमता यानी, ऋण जोखिम या उधारकर्ता की सापेक्ष उधार पात्रता पर क्रेडिट रेटिंग एजेंसी द्वारा जाहिर की गई राय होती है।
    • भारतीय प्रतिभूति और विनियामक बोर्ड (SEBI) घरेलू क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों (CRISIL, ICRA, CARE आदि) का विनियमन करता है।
  • सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग (SCR) दरअसल किसी देश या संप्रभु संस्था के ऋण और उस पर ब्याज चुकाने के दायित्व को समय पर पूरा करने का आकलन है। इसमें संबंधित देश या संस्था की ऋण चुकाने की क्षमता और इच्छाशक्ति, दोनों को महत्त्व दिया जाता है। 
  • SCR कम लागत पर वैश्विक पूंजी बाजारों से उधार लेने की सुविधा प्रदान करती है। साथ ही, यह निवेशकों का विश्वास बढ़ाती है तथा विदेशी निवेश को आकर्षित करती है। 
  • वर्तमान में वैश्विक क्रेडिट रेटिंग पर S&P, मूडीज और फिच रेटिंग जैसी एजेंसियों का वर्चस्व है। ये एजेंसियां संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित हैं।
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  • SCR

ग्लोबल फैमिली फार्मिंग फोरम (GFFF) का शुभारंभ {Global Family Farming Forum (GFFF) Launched}

खाद्य एवं कृषि संगठन के ग्लोबल फूड फोरम (WFF) में ग्लोबल फैमिली फार्मिंग फोरम (GFFF) का शुभारंभ किया गया

  • GFFF संधारणीय कृषि-खाद्य प्रणालियों के निर्माण और जलवायु संकट के प्रभावों से निपटने में फैमिली फार्मिंग करने वाले किसानों की आवश्यक भूमिका की सराहना करता है।
    • GFFF यह भी दर्शाता है कि यूनाइटेड नेशंस डिकेड ऑफ फैमिली फार्मिंग 2019-28 (UNDFF) अपनी आधी अवधि पार कर चुका है। 
    • UNDFF की घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा ने की थी। यह देशों के लिए फैमिली फार्मिंग को सहायता देने हेतु सार्वजनिक नीतियां विकसित करने और निवेश आकर्षित करने हेतु एक फ्रेमवर्क के रूप में कार्य करता है।

फैमिली फार्मिंग के बारे में

  • फैमिली फार्मिंग: यह कृषि, वानिकी, मत्स्य पालन, पशुपालन और जलीय कृषि उत्पादन को संगठित करने का एक साधन है। इसका प्रबंधन और संचालन किसी परिवार द्वारा किया जाता है। यह मुख्य रूप से महिलाओं और पुरुषों दोनों के पारिवारिक श्रम पर निर्भर होती है। 
  • फैमिली फार्मिंग का महत्त्व:
    • खाद्य सुरक्षा: विश्व भर में 550 मिलियन से अधिक फार्म्स इसमें संलग्न हैं। यह वैश्विक खाद्य उत्पादन का आधार है। 
      • मूल्य की दृष्टि से यह विश्व का 70-80% खाद्य उत्पादित करता है।
    • पोषण विविधता: निम्न और मध्यम आय वाले देशों में फैमिली फार्मिंग के तहत विविध एवं पौष्टिक खाद्य का उत्पादन किया जाता है। साथ ही, यह फसल जैव विविधता के लिए भी सहायक है। 
    • संधारणीय प्रबंधन: फैमिली फार्मिंग में लगे किसान मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखने और प्राकृतिक रूप से जलवायु लचीलापन बनाने के लिए पारंपरिक तरीकों व न्यूनतम बाहरी इनपुट का उपयोग करते हैं। 
  • फैमिली फार्मिंग के समक्ष आने वाली चुनौतियां: वित्तीय बाधाएं; सहायता तक सीमित पहुंच; आनुवंशिकी और ज्ञान का अभाव; भूमि का विखंडन; बाजार तक पहुंच में कठिनाइयां; जलवायु संबंधी खतरे; पीढ़ीगत उत्तराधिकार संबंधी समर्थन का अभाव; आदि।

अन्य संबंधित सुर्ख़ियां 

  • ग्लोबल फूड फोरम (WFF) के आयोजन के अवसर पर खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) और ‘कृषि में जल की कमी पर वैश्विक फ्रेमवर्क’ (WASAG) ने “कृषि में जल की कमी पर रोम घोषणा-पत्र” को अपनाया।
  • WASAG पहल के बारे में: यह पहल जल की कमी संबंधी चुनौतियों से निपटने में देशों की सहायता करने के लिए 2016 में मराकेश में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में शुरू की गई थी।
  • उद्देश्य: नीतियों, कानूनी व संस्थागत ढांचे और वित्त-पोषण तक पहुंच तथा जिम्मेदार जल गवर्नेंस के संदर्भ में अधिक राजनीतिक समर्थन जुटाना। 
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कमिटमेंट टू रिड्यूसिंग इनिक्वेलिटी (CRI) सूचकांक, 2024 जारी किया गया {Commitment to Reducing Inequality (CRI) Index 2024 Released}

कमिटमेंट टू रिड्यूसिंग इनिक्वेलिटी (CRI) सूचकांक, 2024 को ऑक्सफैम और डेवलपमेंट फाइनेंस इंटरनेशनल द्वारा जारी किया गया है।

  • CRI ने असमानता से निपटने के लिए 164 देशों और क्षेत्रों की प्रतिबद्धता का आकलन किया है।
    • उल्लेखनीय है कि सतत विकास लक्ष्य (SDG)-10 के तहत असमानता को कम करने का टारगेट निर्धारित किया गया है।
  • इसने तीन मापदंडों के आधार पर प्रदर्शन का आकलन किया: लोक सेवा व्यय, प्रगतिशील कराधान और श्रम अधिकार एवं मजदूरी।

सूचकांक की मुख्य विशेषताएं

  • रैंकिंग:
    • शीर्ष प्रदर्शनकर्ता: नॉर्वे, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया। 
    • सबसे खराब प्रदर्शनकर्ता: दक्षिण सूडान, नाइजीरिया, आदि।
    • भारत की रैंक: 127
      • नेपाल (115) और श्रीलंका (118) जैसे अन्य दक्षिण एशियाई देशों ने भारत से बेहतर प्रदर्शन किया है।
  • बढ़ती असमानता:
    • द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ग्लोबल साउथ और ग्लोबल नॉर्थ के बीच का अंतर किसी भी समय की तुलना में अचानक अधिक तेजी से बढ़ा है। 
    • अरबों लोग उच्च और बढ़ती खाद्य कीमतों एवं भुखमरी की भयानक स्थिति का सामना कर रहे हैं। दूसरी ओर पिछले दशक में अरबपतियों की संख्या दोगुनी हो गई है।
    • मुख्य कारक: संघर्ष, ऋण संकट और जलवायु आघात, ये निम्न एवं निम्न-मध्यम आय वाले देशों में खर्च को बाधित कर रहे हैं।
      • 84% देशों ने शिक्षा, स्वास्थ्य और/ या सामाजिक सुरक्षा पर अपने खर्च को कम कर दिया है।

असमानता को कम करने के लिए रिपोर्ट में की गई मुख्य सिफारिशें

  • असमानता को कम करने के लिए व्यावहारिक और समयबद्ध राष्ट्रीय असमानता न्यूनीकरण योजनाएं (NIRP) लागू की जानी चाहिए। साथ ही, नियमित निगरानी भी की जानी चाहिए। 
  • सभी देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्वास्थ्य बजट कुल सार्वजनिक व्यय का कम-से-कम 15% और शिक्षा बजट कुल सार्वजनिक व्यय का कम-से-कम 20% होना चाहिए। 
  • सबसे अमीर 1% की आय पर कर लगाकर प्रगतिशील कराधान को बढ़ाया जाना चाहिए। 

भारत में असमानता को कम करने के लिए किए गए उपाय

  • रोजगार सृजन: उदाहरण के लिए- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) आदि। 
  • वित्तीय समावेशन: उदाहरण के लिए- प्रधान मंत्री जन धन योजना। 
  • शिक्षा और कौशल: जैसे- शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 इत्यादि। 
  • अन्य: जैसे- स्टार्ट-अप इंडिया योजना आदि। 
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  • ऑक्सफैम
  • डेवलपमेंट फाइनेंस इंटरनेशनल

हैंड-इन-हैंड (HIH) पहल {Hand-in-Hand (HIH) Initiative}

खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने 2024 हैंड-इन-हैंड निवेश फोरम का उद्घाटन किया।

हैंड-इन-हैंड (HIH) पहल के बारे में

  • इसे FAO ने 2019 में शुरू किया था। 
  • यह गरीबी उन्मूलन (SDG-1), भुखमरी एवं कुपोषण को समाप्त करने (SDG-2), और असमानताओं को कम करने (SDG-10) के माध्यम से कृषि-खाद्य प्रणालियों में परिवर्तन को गति देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर संचालित महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के कार्यान्वयन का समर्थन करता है।
    • यह उन्नत भू-स्थानिक मॉडलिंग और एनालिटिक्स के साथ-साथ एक मजबूत साझेदारी-निर्माण एप्रोच का उपयोग भी करती है।
  • हस्तक्षेप के क्षेत्र: प्राथमिकता वाली जिंसों के लिए मूल्य श्रृंखलाओं का विकास, कृषि-उद्योगों का निर्माण, आदि।
  • सदस्य: 72 देश। भारत इसका सदस्य नहीं है। 
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  • हैंड-इन-हैंड (HIH) पहल
  • खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO)
  • SDG-1
  • SDG-2
  • SDG-10
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