सुर्ख़ियों में क्यों?
राष्ट्रपति ने आयकर अधिनियम, 2025 को मंजूरी दे दी। यह कानून आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा।
आयकर अधिनियम, 2025 के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र
- लागू होना: यह अधिनियम 1 अप्रैल, 2026 से लागू होगा।
- छोटा और सरल: नया अधिनियम पिछलें अधिनियम की तुलना में संक्षिप्त और सरल भाषा में है।
- न्यूनतम वैकल्पिक कर (Minimum Alternate Tax: MAT) और वैकल्पिक न्यूनतम कर (Alternate Minimum Tax: AMT) के प्रावधानों को दो उप-खंडों में अलग कर दिया गया है।
न्यूनतम वैकल्पिक कर (MAT)
वैकल्पिक न्यूनतम कर (AMT)
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- मुख्य कर प्रावधानों में स्थिरता:
- व्यक्तियों और निगमों के लिए कर की दरों और व्यवस्थाओं में कोई बदलाव नहीं किए गए हैं।
- अपराध के प्रकारों और दंडों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
- अधिकतर परिभाषाओं को भी यथावत रखा गया है।
- कर मामलों से जुड़ी जानकारी एकत्र करना और आकलन अब फेसलेस तरीके से होगा।
- योजनाएं बनाने की शक्ति: अधिनियम के तहत केंद्र सरकार को अधिक दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए नई योजनाएं बनाने का अधिकार दिया गया है।
- अघोषित आय: पहले अघोषित आय में केवल पैसा, सोना, चाँदी, गहने और अन्य कीमती सामान शामिल थे। अब इसमें वर्चुअल डिजिटल एसेट्स भी शामिल कर ली गई हैं।
- वर्चुअल डिजिटल स्पेस तक पहुंच: आयकर अधिकारियों को अब तलाशी और जब्ती की कार्यवाही के दौरान वर्चुअल डिजिटल स्पेस तक पहुंच प्राप्त करने की अनुमति है।
- अब अधिकारी किसी भी पासवर्ड या एक्सेस कोड को ओवरराइड करके डिजिटल डाक्यूमेंट्स एक्सेस कर सकते हैं।
- अधिनियम में "वर्चुअल डिजिटल स्पेस" को व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है। इसमें ई-मेल सर्वर, सोशल मीडिया अकाउंट्स, ऑनलाइन निवेश और ट्रेडिंग अकाउंट्स, और परिसंपत्ति के स्वामित्व के विवरण को भंडारित करने वाली वेबसाइट्स शामिल हैं।
- विवाद समाधान पैनल: यह अधिनियम कुछ पात्र करदाताओं को आकलन (Assessees) अधिकारियों द्वारा पारित ड्राफ्ट आदेशों को एक विवाद समाधान पैनल के पास भेजने की अनुमति देता है।
- इन करदाताओं में ट्रांसफर प्राइसिंग मामलों में संलग्न व्यक्ति, अनिवासी, या विदेशी कंपनियां शामिल हैं।
- ट्रांसफर प्राइसिंग किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी की इकाइयों के बीच आपसी लेनदेन की कीमत को कहा जाता है।
- लंबित कार्यवाही: नए कानून लागू होने के समय यदि कोई मामला आयकर अधिकारी, अपीलीय अधिकरण या न्यायालय में लंबित है, तो उसे पुराने कानून के अनुसार ही निपटाया जाएगा।
- कर संधियों की व्याख्या: यह अधिनियम केंद्र सरकार को दोहरे कराधान के मामलों में राहत प्रदान करने के लिए अन्य देशों के साथ समझौते करने की अनुमति देता है।
अन्य संबंधित तथ्यराष्ट्रपति ने हाल ही में कराधान कानून (संशोधन) अधिनियम, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी। यह अधिनियम मौजूदा कर कानूनों, मुख्य रूप से आयकर अधिनियम, 1961 और वित्त अधिनियम, 2025 में संशोधन करने के लिए एक विधायी कदम है। संशोधन अधिनियम के मुख्य प्रावधान
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