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COP29 और भारत (India at COP29)

Posted 26 Dec 2024

Updated 31 Dec 2024

16 min read

सुर्ख़ियों में क्यों?

भारत ने UNFCCC-CoP29 के पूरे सत्र में जलवायु वार्ता के संबंध में अपना रुख स्पष्ट किया।

विभिन्न पहलुओं पर भारत का रुख

  • नया सामूहिक परिमाणित लक्ष्य (NCQG): इसके लिए भारत ने प्रतिवर्ष 1.3 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य प्रस्तावित किया है। इसमें से 600 बिलियन डॉलर अनुदान या अनुदान समकक्ष संसाधनों से आने चाहिए।
  • शमन (Mitigation):
    • भारत ने मिटिगेशन वर्क प्रोग्राम (MWP) के दायरे में परिवर्तन और पेरिस समझौते के तहत तापमान संबंधी लक्ष्यों में बदलाव के प्रयासों का विरोध किया है।
    • भारत ने विकसित देशों (अनुलग्नक I में शामिल देश) द्वारा 2020 से पहले के शमन संबंधी उपायों हेतु वित्त की उपलब्धता में कमी का मुद्दा उठाया है।
  • जस्ट ट्रांजिशन:
    • भारत ने यह स्पष्ट किया कि विकसित देशों को जस्ट ट्रांजिशन के लिए विकासशील देशों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करनी चाहिए।
    • जस्ट ट्रांजिशन में विकासशील देशों के विकास के अधिकार (Right To Development) और संधारणीय प्राथमिकताओं को पूरी मान्यता देनी चाहिए।
  • ग्लोबल स्टॉकटेक:
    • भारत ने पेरिस समझौते के फ्रेमवर्क का हवाला देते हुए ग्लोबल स्टॉकटेक परिणामों के लिए किसी भी फॉलो-अप मैकेनिज्म का विरोध किया है।
    • वित्तीय मुद्दे पर कम ध्यान, संतुलन की कमी और शमन-केंद्रित होने के कारण भारत ने UAE डायलॉग टेक्स्ट की आलोचना की है।
    • भारत ने वित्त और उत्सर्जन संबंधी प्रवृत्तियों के साथ UAE डायलॉग टेक्स्ट को बेहतर ढंग से व्यवस्थित करने के लिए विशिष्ट संशोधनों का प्रस्ताव रखा है।
  • अनुकूलन (Adaptation):
    • भारत ने अनुकूलन पर प्रगति को मापने के लिए स्पष्ट संकेतकों को सुनिश्चित करने को कहा है। 
    • संकेतकों की रिपोर्टिंग के लिए उपयोग किया जाने वाला डेटा केवल पक्षकारों (देशों) द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टों से लिया जाना चाहिए। भारत ने यह स्पष्ट किया कि इसके लिए तीसरे पक्ष के डेटाबेस का उपयोग नहीं होना चाहिए। 
    • भारत ने वैश्विक अनुकूलन लक्ष्य (Global Goal on Adaptation: GGA) पर कार्य जारी रखने के लिए बाकू रोड मैप की स्थापना का समर्थन किया है। 

CoP29 के दौरान आयोजित किए गए विभिन्न आयोजनों में भारत की भागीदारी

  • आपदा रोधी अवसंरचना को अनुकूलन रणनीतियों में एकीकृत करना:
    • इसे भारत और आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन (Coalition for Disaster Resilient Infrastructure: CDRI) द्वारा आयोजित किया गया।
      • भारत ने CDRI को 2019 में शुरू किया था। यह देशों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, बहुपक्षीय विकास बैंकों, निजी क्षेत्रक और शैक्षणिक संस्थानों का एक अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन है। इसका उद्देश्य आपदा रोधी अवसंरचना को बढ़ावा देना है।
    • यह इस बात पर केंद्रित था कि कैसे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को सहने में सक्षम अवसंरचना का निर्माण किया जाए।
    • CDRI ने अपने "इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर रेजिलिएंट आइलैंड स्टेट्स' पहल के तहत 17 लघु द्वीपीय विकासशील देशों (SIDS) में 12 परियोजनाओं के लिए 8 मिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता की घोषणा की है।
  • लीडरशिप ग्रुप फॉर इंडस्ट्री ट्रांजिशन (LeadIT) के सदस्यों की बैठक
    • इसे भारत और स्वीडन द्वारा आयोजित किया गया था।
    • LeadIT एक वैश्विक पहल है, जो निम्न कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर ट्रांजिशन को गति प्रदान करने के लिए सरकारों और उद्योग जगत को एकजुट करती है।
  • ग्लोबल साउथ के लिए एनर्जी ट्रांजिशन 
    • इसे भारत और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) द्वारा आयोजित किया गया। 
    • यह आयोजन विकासशील देशों के एनर्जी ट्रांजिशन में सौर ऊर्जा की भूमिका पर केंद्रित था। 
  • अन्य: भारत-स्वीडन इंडस्ट्री ट्रांजिशन पार्टनरशिप (ITP), आदि।

 

  • Tags :
  • मिटिगेशन वर्क प्रोग्राम (MWP)
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  • नया सामूहिक परिमाणित लक्ष्य (NCQG)
  • वैश्विक अनुकूलन लक्ष्य
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