सुर्ख़ियों में क्यों?
हाल ही में, रक्षा संबंधी संसद की स्थायी समिति ने तटीय सुरक्षा में भारतीय तटरक्षक बल (ICG) की भूमिका की समीक्षा की।
भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के बारे में
- गठन: इसका गठन अगस्त, 1978 में तटरक्षक अधिनियम, 1978 के तहत किया गया था।
- कार्य: इस प्रमुख कार्यों में अपतटीय प्रतिष्ठानों की सुरक्षा, मछुआरों की सहायता, समुद्री पर्यावरण का संरक्षण, प्रदूषण को रोकना, तस्करी-रोधी अभियानों में सहायता प्रदान करना, समुद्री कानूनों को लागू करना, आदि शामिल हैं।
- मंत्रालय: भारतीय तटरक्षक बल रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
- भारतीय तटरक्षक बल समुद्री सुरक्षा की बहुस्तरीय व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है (इन्फोग्राफिक देखें)।
समुद्री सुरक्षा में भारतीय तटरक्षक बल की भूमिका

- समुद्री कानूनों का प्रवर्तन: यह समुद्री कानूनों और विनियमों एवं अन्य अंतर्राष्ट्रीय संधियों (जिनमें भारत हस्ताक्षरकर्ता है) का पालन करता है।
- कृत्रिम द्वीपों और अपतटीय टर्मिनल्स की सुरक्षा एवं बचाव: यह पूर्वी और पश्चिमी दोनों समुद्री तटों पर अपतटीय विकास क्षेत्रों (Offshore Development Areas: ODAs) की निगरानी के लिए नियमित गश्त लगाता है।
- जीवन और संपत्ति की सुरक्षा: यह संकट में फंसे नाविकों, मछुआरों और जहाजों को सहायता प्रदान करता है। समुद्री क्षेत्र में प्राकृतिक (जैसे- चक्रवात, सुनामी आदि) या मानव निर्मित आपदाओं से जीवन और संपत्ति की सुरक्षा करता है। महासागरों की संपदा जैसे कि तेल, मछली और खनिज संसाधनों की सुरक्षा करता है।
- अंतर-एजेंसी समन्वय: यह सीमा शुल्क और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता करता है। इसके अतिरिक्त, यह प्रतिबंधित वस्तुओं की अवैध आवाजाही को रोकने हेतु तस्करी विरोधी अभियान चलाता है।
- अन्य प्रमुख भूमिकाएं: समुद्री पर्यावरण की रक्षा करना और उसके संरक्षण हेतु कार्य करना; मौसम व समुद्र विज्ञान संबंधी वैज्ञानिक डेटा का संग्रह करना, आदि।
भारतीय तटरक्षक बल को मजबूत करने के लिए शुरू की गई पहलें
- अंतर-एजेंसी समुद्री अभ्यास: भारतीय तटरक्षक बल अलग-अलग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अभ्यास आयोजित करता है तथा उनमें भाग लेता है। उदाहरण के लिए, SAREX-2024, सागर कवच, आदि।
- जिम्मेदारी में वृद्धि: 2009 में, भारतीय तटरक्षक बल को प्रादेशिक जल क्षेत्र (Territorial waters) में तटीय सुरक्षा के लिए जिम्मेदार प्राधिकरण के रूप में नामित किया गया था। इसमें तटीय पुलिस द्वारा गश्त किए जाने वाले क्षेत्र भी शामिल हैं।
- केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच समन्वय: भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक को कमांडर तटीय कमान के रूप में नामित किया गया है। महानिदेशक तटीय सुरक्षा से संबंधित सभी मामलों में केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच समग्र समन्वय के लिए जिम्मेदार है।
निष्कर्ष
भारतीय तटरक्षक बल पिछले कुछ वर्षों में एक अग्रणी समुद्री सुरक्षा एजेंसी के रूप में उभरा है। यह भारत के समुद्री सुरक्षा और खोज एवं बचाव ढांचे को मजबूत करने के प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। अलग-अलग हितधारकों के साथ लगातार सहयोग करके, यह भारत के क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (Security and Growth for All in the Region: SAGAR) यानी सागर विज़न में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उल्लेखनीय है कि सागर वैश्विक मंच पर विश्वसनीय और सक्रिय समुद्री भागीदार के रूप में भारत की प्रतिष्ठा को मजबूत करता है।