सुर्ख़ियों में क्यों?
हाल ही में, UNFCCC के पक्षकारों का 29वां सम्मेलन यानी COP-29 अजरबैजान के बाकू में आयोजित हुआ। यह बाकू जलवायु एकता समझौते (Baku Climate Unity Pact) और कई महत्वपूर्ण समझौतों के साथ संपन्न हुआ।
UNFCCC के पक्षकारों के सम्मेलन (COP) के बारे में
- COP, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।

- COP एक वार्षिक सम्मेलन है। इसमें UNFCCC के सदस्य देश प्रगति का आकलन करते हैं और समझौतों पर वार्ता करते हैं। साथ ही, वे जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को भी बेहतर बनाते हैं।
- COP का एक प्रमुख कार्य सदस्य देशों द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रीय रिपोर्ट्स और उत्सर्जन डेटा {जैसे कि राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (Nationally Determined Contributions: NDC)} की समीक्षा करना है।
- ज्ञातव्य है कि आगामी COP-30 का आयोजन नवंबर, 2025 में ब्राजील के बेलेम में होगा।

COP-29 के मुख्य आउटकम्स
थीम (विषय) | विवरण |
जलवायु वित्त पर नया सामूहिक परिमाणित लक्ष्य (New Collective Quantified Goal on Climate Finance: NCQG) या बाकू वित्त लक्ष्य |
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कार्बन बाजार और अनुच्छेद 6 (Carbon Markets and Article 6) |
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पारदर्शिता (Transparency) |
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अनुकूलन (Adaptation) |
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देशज लोग एवं स्थानीय समुदाय (Indigenous Peoples and Local Communities) |
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जेंडर और जलवायु परिवर्तन (Gender and climate change) |
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नोट: NCQG से संबंधित जलवायु वित्त और पेरिस जलवायु समझौते के अनुच्छेद 6 से संबंधित कार्बन व्यापार एवं कार्बन बाजार जैसे विषयों पर आगे आने वाले आर्टिकल्स में विस्तार से चर्चा की गई है।
जलवायु वार्ताओं के दौरान चर्चा में रहने वाले मुख्य मुद्दे
- अपर्याप्त जलवायु वित्त: रेजिंग एम्बिशन एंड एक्सलेरेटिंग डिलीवरी ऑफ़ क्लाइमेट फाइनेंस रिपोर्ट के अनुसार, NCQG जलवायु कार्रवाई के लिए वैश्विक अनुमानित निवेश संबंधी आवश्यकता से कम है। गौरतलब है कि इस मामले में चीन के अलावा उभरते बाजार और विकासशील देशों (EMDC) में लगभग 2.3-2.5 ट्रिलियन डॉलर की जरूरत है।
- अपर्याप्त वित्त-पोषण के कारण भारत सहित विकासशील देशों ने COP29 में सहमत जलवायु वित्त सौदे को अस्वीकार कर दिया है।
- मिटिगेशन वर्क प्रोग्राम (MWP) पर गतिरोध: भविष्य के एनर्जी मिक्स में जीवाश्म ईंधन की भूमिका पर नजरिए को लेकर मतभेद के कारण गतिरोध बना हुआ है।
- ग्लोबल स्टॉकटेक पर भी विवाद बना हुआ है। ग्लोबल स्टॉकटेक जलवायु लक्ष्यों की दिशा में वैश्विक प्रगति का एक समग्र आकलन है।
- जलवायु संबंधी लक्ष्यों पर सीमित प्रगति: प्रारंभिक NDCs के बाद से लक्ष्यों और कार्रवाई में प्रगति स्थिर हो गई है। देश 2030 के लिए वैश्विक रूप से अपर्याप्त मिटिगेशन यानी शमन प्रतिबद्धताओं को भी पूरा करने के लिए निर्धारित ट्रैक से दूर हैं।
- उत्सर्जन अंतराल रिपोर्ट-2024 के अनुसार, 2023 में वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन एक नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया। यह 2022 के स्तर से 1.3% की वृद्धि को दर्शाता है।
- अन्य मुद्दे:
- हानि और क्षति कोष (Loss and Damage Fund: LDF) के क्रियान्वयन की धीमी गति और इसके अपर्याप्त वित्त-पोषण को लेकर चिंता जाहिर की गई।
- COP30 से पहले अगले दौर के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) की घोषणा को स्थगित कर दिया गया है।
- ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में भारी असमानता है। प्रमुख उत्सर्जक देश और क्षेत्र दूसरों की तुलना में बहुत अधिक उत्सर्जन करते हैं, और यह अंतर समय के साथ बदला नहीं है।
- G20 सदस्यों की वैश्विक उत्सर्जन में 77% की हिस्सेदारी है।
- जलवायु वार्ता में जीवाश्म ईंधन के पक्षधरों का कथित प्रभुत्व।
आगे की राह
- विशेष रूप से जलवायु वित्त और शमन संबंधी लक्ष्यों के बारे में विकासशील देशों की चिंताओं को दूर करने के लिए देशों के बीच नियमित एवं रचनात्मक संवाद के माध्यम से जलवायु कूटनीति को मजबूत करने की आवश्यकता है।
- आगे के निर्णय से पहले जलवायु परिवर्तन में ऐतिहासिक योगदान को ध्यान में रखना चाहिए और साझी लेकिन विभेदित जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं (Common but Differentiated Responsibilities and Respective Capabilities: CBDR-RC) के सिद्धांत का पालन करना चाहिए। CBDR-RC विकसित देशों को जलवायु कार्रवाई में विकासशील देशों का समर्थन करने की बात पर बल देता है।
- हानि और क्षति कोष (LDF) का शीघ्र और प्रभावी क्रियान्वयन: यह सुभेद्य देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में मदद कर सकता है।
- NDCs को बढ़ाना: उत्सर्जन अंतराल रिपोर्ट, 2024 के अनुसार, 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 2030 तक 42% और 2035 तक 57% उत्सर्जन में कटौती की आवश्यकता है।
- इसके अलावा, ETF के तहत रिपोर्टिंग तंत्र को मजबूत करना चाहिए, ताकि देशों को उनकी प्रतिबद्धताओं के लिए जवाबदेह ठहराया जा सके।