सुर्ख़ियों में क्यों?
भारत ने जैव विविधता संरक्षण के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता कन्वेंशन (UNCBD) के COP16 में अपडेटेड राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीति और कार्य योजना 2024-30 का अनावरण किया।
NBSAP के बारे में

- UNCBD के अनुच्छेद 6 के अनुसार, इस कन्वेशन के प्रत्येक पक्षकार के लिए NBSAP तैयार करना अनिवार्य है।
- यह राष्ट्रीय स्तर पर जैव विविधता संरक्षण के प्रयासों को मुख्यधारा में लाने और UNCBD के कार्यान्वयन के लिए एक प्राथमिक साधन है।
- यह जैव विविधता संरक्षण के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है, जैविक संसाधनों के संधारणीय उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम बनाता है, और उनसे प्राप्त लाभों का निष्पक्ष और न्यायसंगत साझाकरण सुनिश्चित करता है।
अपडेटेड NBSAP 2024-30 के प्रमुख बिंदुओं पर एक नज़र
- दृष्टिकोण: इसमें KMGBF के साथ समन्वय में 'समग्र सरकार' और 'समग्र समाज' दृष्टिकोण को अपनाया गया है। इसमें 2030 तक जैव विविधता की हानि को रोकना एवं उसका पुनरुद्धार करना शामिल है। साथ ही, 2050 तक प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए रखने संबंधी दीर्घकालिक दृष्टिकोण को भी अपनाया गया है।

- राष्ट्रीय जैव विविधता लक्ष्य (National Biodiversity Targets: NBTs): इसमें 23 NBTs शामिल हैं, जो तीन विषयों पर केंद्रित हैं-
- जैव विविधता के लिए खतरों को कम करना;
- संसाधनों का संधारणीय उपयोग सुनिश्चित करना; और
- कार्यान्वयन के लिए साधनों और माध्यमों को बेहतर बनाना।
- पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करना: NBSAP में पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र का पुनरुद्धार, स्पीशीज रिकवरी प्रोग्राम और समुदाय-संचालित संरक्षण प्रयासों जैसी रणनीतियों को शामिल किया गया है।
- कार्यान्वयन रूपरेखा: इसमें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) एक केंद्रीय एजेंसी के रूप में कार्य करती है। इसका मुख्य कार्य स्थानीय समुदायों और विभिन्न क्षेत्रकों को शामिल करते हुए बॉटम टू टॉप अप्रोच और सहयोगात्मक गवर्नेंस मॉडल को बढ़ावा देना है।
- जैव विविधता अधिनियम, 2002 के तहत बहुस्तरीय गवर्नेंस व्यवस्था का प्रावधान किया गया है (इन्फोग्राफिक देखें)।
- क्षमता निर्माण: इसके तहत आवश्यकता एवं कमी का मूल्यांकन करना; लक्षित समूह की पहचान करना; विशेषज्ञों/ पर्यावरणविदों की पहचान करना; तथा ज्ञान और कौशल सीखने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करना आदि शामिल हैं।
- संसाधन जुटाना: भारत को राष्ट्रीय स्तर पर जैव विविधता वित्त पहल (BIOFIN) लागू करने वाले प्रमुख देशों में से एक के रूप में मान्यता दी गई है।
- जैव विविधता वित्त पहल (Biodiversity Finance Initiative: BIOFIN): यह संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और यूरोपीय आयोग द्वारा शुरू की गई एक वैश्विक साझेदारी है। इसका उद्देश्य देशों को जैव विविधता और पारिस्थितिकी-तंत्र के वित्तीय प्रबंधन को बेहतर करने में सहायता करना है।
- अन्य विशेषताएं: इसमें जैव विविधता को बनाए रखने और जैव विविधता को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन आधारित बॉटम-अप दृष्टिकोण को अपनाने पर जोर दिया गया है।
जैव विविधता अधिनियम, 2002 (अंतिम संशोधन 2023 में) के बारे में
*SBBs का गठन संघ राज्य क्षेत्रों (UTs) के लिए नहीं किया गया है। राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण UTs के लिए SBB के कार्यों और शक्तियों का संचालन करता है। |
निष्कर्ष
भारत के अपडेटेड NBSAP में जैव विविधता संरक्षण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया गया है। इसमें मौजूदा पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करते हुए पारंपरिक पद्धतियों को आधुनिक गवर्नेंस और सहयोगात्मक रणनीतियों के साथ एकीकृत किया गया है। हालांकि, 23 राष्ट्रीय जैव विविधता टार्गेट्स (NBTs) को प्राप्त करने और संधारणीय विकास सुनिश्चित करने के लिए क्षमता निर्माण, संसाधन जुटाने, प्रभावी निगरानी आदि में निरंतर प्रयासों को जारी रखना होगा।
अन्य संबंधित सुर्ख़ियां: जैव विविधता नियम (Biological Diversity Rules), 2024
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