राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीति और कार्य योजना (National Biodiversity Strategy and Action Plan: NBSAP) | Current Affairs | Vision IAS
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राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीति और कार्य योजना (National Biodiversity Strategy and Action Plan: NBSAP)

26 Dec 2024
37 min

सुर्ख़ियों में क्यों?

भारत ने जैव विविधता संरक्षण के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता कन्वेंशन (UNCBD) के COP16 में अपडेटेड राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीति और कार्य योजना 2024-30 का अनावरण किया। 

NBSAP के बारे में

  • UNCBD के अनुच्छेद 6 के अनुसार, इस कन्वेशन के प्रत्येक पक्षकार के लिए NBSAP तैयार करना अनिवार्य है।
  • यह राष्ट्रीय स्तर पर जैव विविधता संरक्षण के प्रयासों को मुख्यधारा में लाने और UNCBD के कार्यान्वयन के लिए एक प्राथमिक साधन है।
  • यह जैव विविधता संरक्षण के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है, जैविक संसाधनों के संधारणीय उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम बनाता है, और उनसे प्राप्त लाभों का निष्पक्ष और न्यायसंगत साझाकरण सुनिश्चित करता है।

अपडेटेड NBSAP 2024-30 के प्रमुख बिंदुओं पर एक नज़र 

  • दृष्टिकोण: इसमें KMGBF के साथ समन्वय में 'समग्र सरकार' और 'समग्र समाज' दृष्टिकोण को अपनाया गया है। इसमें 2030 तक जैव विविधता की हानि को रोकना एवं उसका पुनरुद्धार करना शामिल है। साथ ही, 2050 तक प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए रखने संबंधी दीर्घकालिक दृष्टिकोण को भी अपनाया गया है।
  • राष्ट्रीय जैव विविधता लक्ष्य (National Biodiversity Targets: NBTs): इसमें 23 NBTs शामिल हैं, जो तीन विषयों पर केंद्रित हैं- 
    • जैव विविधता के लिए खतरों को कम करना; 
  • संसाधनों का संधारणीय उपयोग सुनिश्चित करना; और 
  • कार्यान्वयन के लिए साधनों और माध्यमों को बेहतर बनाना।
  • पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करना: NBSAP में पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र का पुनरुद्धार, स्पीशीज रिकवरी प्रोग्राम और समुदाय-संचालित संरक्षण प्रयासों जैसी रणनीतियों को शामिल किया गया है।
  • कार्यान्वयन रूपरेखा: इसमें पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) एक केंद्रीय एजेंसी के रूप में कार्य करती है। इसका मुख्य कार्य स्थानीय समुदायों और विभिन्न क्षेत्रकों को शामिल करते हुए बॉटम टू टॉप अप्रोच और सहयोगात्मक गवर्नेंस मॉडल को बढ़ावा देना है।
    • जैव विविधता अधिनियम, 2002 के तहत बहुस्तरीय गवर्नेंस व्यवस्था का प्रावधान किया गया है (इन्फोग्राफिक देखें)।
  • क्षमता निर्माण: इसके तहत आवश्यकता एवं कमी का मूल्यांकन करना; लक्षित समूह की पहचान करना; विशेषज्ञों/ पर्यावरणविदों की पहचान करना; तथा ज्ञान और कौशल सीखने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करना आदि शामिल हैं।
  • संसाधन जुटाना: भारत को राष्ट्रीय स्तर पर जैव विविधता वित्त पहल (BIOFIN) लागू करने वाले प्रमुख देशों में से एक के रूप में मान्यता दी गई है।
    • जैव विविधता वित्त पहल (Biodiversity Finance Initiative: BIOFIN): यह संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और यूरोपीय आयोग द्वारा शुरू की गई एक वैश्विक साझेदारी है। इसका उद्देश्य देशों को जैव विविधता और पारिस्थितिकी-तंत्र के वित्तीय प्रबंधन को बेहतर करने में सहायता करना है।
  • अन्य विशेषताएं: इसमें जैव विविधता को बनाए रखने और जैव विविधता को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन आधारित बॉटम-अप दृष्टिकोण को अपनाने पर जोर दिया गया है।

जैव विविधता अधिनियम, 2002 (अंतिम संशोधन 2023 में) के बारे में

  • उद्देश्य: यह UNCBD के प्रावधानों को लागू करने में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • लक्ष्य: जैव विविधता की सुरक्षा एवं संरक्षण; जैविक संसाधनों का संधारणीय उपयोग; तथा इसके उपयोग से मिलने वाले लाभों का उचित एवं न्यायसंगत बंटवारा सुनिश्चित करना।
  • इस अधिनियम के प्रमुख प्रावधान:
    • इसमें शोध, वाणिज्यिक उपयोग आदि के लिए पूर्व-अनुमति प्राप्त करने की शर्तें और प्रक्रिया का प्रावधान किया गया है, ताकि लाभों का निष्पक्ष और न्यायसंगत साझाकरण  सुनिश्चित हो सके। ये हैं:
      • सभी विदेशी नागरिकों को जैविक संसाधन प्राप्त करने के लिए NBA से स्वीकृति लेना अनिवार्य है।
      • भारतीय व्यक्तियों/ संस्थाओं को विदेशी संस्थाओं/ नागरिकों को ज्ञान/ अनुसंधान और सामग्री स्थानांतरित करने से पहले NBA से पूर्व-अनुमति लेना अनिवार्य है।
      • भारत से प्राप्त जैविक सामग्री और/ या संबंधित ज्ञान पर आधारित शोध के लिए किसी भी प्रकार के बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) के आवेदन से पहले NBA की पूर्व-अनुमति लेना अनिवार्य है।
  • 2023 में किए गए संशोधन
    • आयुष चिकित्सकों और पारंपरिक ज्ञान धारकों को पहुंच और लाभ साझाकरण (Access and Benefit Sharing: ABS) संबंधी भुगतान से छूट दी गई है।
      • ABS एक प्रकार की क्षतिपूर्ति राशि है। यह राशि आमतौर पर आदिवासी लोगों एवं अन्य ऐसे समुदायों को दी जाती है जो पारंपरिक रूप से आयुष उद्योग के लिए महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों को इकट्ठा करते हैं, उनकी रक्षा करते हैं और उनका उपयोग करते हैं।
    • उल्लंघनों के लिए आपराधिक दंड को समाप्त कर दिया गया है और उसके स्थान पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
  • संस्थागत संरचना: इसके तहत निम्नलिखित त्रि-स्तरीय कार्यान्वयन संरचना को स्थापित किया गया है:
    • राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (NBA), जिसका मुख्यालय चेन्नई में है,
    • राज्य स्तर पर राज्य जैव विविधता बोर्ड (SBBs) और 
    • स्थानीय स्तर पर जैव विविधता प्रबंधन समितियां  (BMCs)। 

*SBBs का गठन संघ राज्य क्षेत्रों (UTs) के लिए नहीं किया गया है। राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण UTs के लिए SBB के कार्यों और शक्तियों का संचालन करता है।

निष्कर्ष

भारत के अपडेटेड NBSAP में जैव विविधता संरक्षण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया गया है। इसमें मौजूदा पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करते हुए पारंपरिक पद्धतियों को आधुनिक गवर्नेंस  और सहयोगात्मक रणनीतियों के साथ एकीकृत किया गया है। हालांकि, 23 राष्ट्रीय जैव विविधता टार्गेट्स (NBTs) को प्राप्त करने और संधारणीय विकास सुनिश्चित करने के लिए क्षमता निर्माण, संसाधन जुटाने, प्रभावी निगरानी आदि में निरंतर प्रयासों को जारी रखना होगा।

अन्य संबंधित सुर्ख़ियां: जैव विविधता नियम (Biological Diversity Rules), 2024

  • केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जैव-विविधता अधिनियम, 2002 के तहत जैव-विविधता नियम, 2024 अधिसूचित किए हैं।
    • नए नियम जैव विविधता नियम, 2004 की जगह लेंगे।
    • साथ ही, ये नियम जैव-विविधता (संशोधन) अधिनियम, 2023 को लागू करना भी सुनिश्चित करेंगे।
      • 2023 का संशोधन अनुसंधान के लिए प्रक्रियाओं को तेज करने, भारतीय चिकित्सा पद्धति को प्रोत्साहित करने जैसे उद्देश्यों के लिए लागू किया गया था।
    • ये नियम राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (NBA)जुर्माना इत्यादि विषयों से जुड़े अलग-अलग प्रावधानों को रेखांकित करते हैं।
  • जैव-विविधता नियम, 2024 के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र
    • राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (NBA):
      • इसके अध्यक्ष की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी। अध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्षों का होगा। हालांकि, वह दूसरे कार्यकाल हेतु नियुक्ति के लिए भी पात्र होगा।
      • राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण के सामान्य कार्य:
        • जैव विविधता अधिनियम, 2002 के तहत स्थापित राष्ट्रीय जैव विविधता निधि (NBF) का प्रशासन करना।
        • जैव विविधता से संबंधित समझौतों को मंजूरी प्रदान करना।
        • राज्यों की संस्थाओं को तकनीकी मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करना।
        • जैव संसाधनों और पारंपरिक ज्ञान से संबंधित डेटाबेस विकसित करना तथा उनका रखरखाव करना।
    • बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR): बौद्धिक संपदा अधिकार की वास्तविक मंजूरी से पहले राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण के अनुमोदन की आवश्यकता होगी।
    • नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना: नियमों के उल्लंघन के लिए 1 लाख से 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है। नियमों के बार-बार उल्लंघन पर अतिरिक्त जुर्माना लगाया जा सकता है।
      • एकत्र की गई जुर्माने की पूरी राशि राष्ट्रीय जैव विविधता निधि या संबंधित राज्य सरकार की निधियों में जमा की जाएगी। इन निधियों का उपयोग जैव विविधता संबंधी पहलों का समर्थन करने के लिए किया जाएगा।
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