वित्त वर्ष 2024-25 के लिए संशोधित खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) नीति {REVISED OPEN MARKET SALE SCHEME (DOMESTIC) POLICY FOR 2024-25}

यह संशोधित नीति उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने घोषित की है। इस नीति का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा का विस्तार करना और इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देना है।
- राज्य सरकारों, कॉर्पोरेशंस और सामुदायिक रसोई को चावल की बिक्री के लिए आरक्षित मूल्य 2,250 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। इसके लिए ई-नीलामी की आवश्यकता नहीं होगी।
- इस नीति में इथेनॉल डिस्टिलरी को चावल की बिक्री के लिए आरक्षित मूल्य 2,250 प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह पहले की बिक्री मूल्य की तुलना में 550 रुपये कम है। इस कदम का उद्देश्य इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देना है।
खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) क्या है?
- इस योजना के तहत, भारतीय खाद्य निगम (FCI) केंद्रीय पूल से अतिरिक्त अनाज (गेहूं और चावल) को पहले से तय कीमतों पर ई-नीलामी के माध्यम से खुले बाजार में बेचता है।
- योजना का उद्देश्य: इस योजना का उद्देश्य अनाज की बाजार कीमतों को नियंत्रित करके मुद्रास्फीति में वृद्धि को रोकना है।
- पात्रता:
- इस योजना में गेहूं उत्पादों के प्रोसेसर/ आटा चक्की/ फ्लोर मिलर भाग ले सकते हैं।
- योजना के तहत आमतौर पर, राज्य सरकारों को भी नीलामी में भाग लिए बिना खाद्यान्न की खरीद की अनुमति दी जाती है।
- हालांकि, व्यापारियों/ थोक खरीदारों को ई-नीलामी के माध्यम से अनाज की खरीद की अनुमति नहीं है।
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- खाद्य सुरक्षा
- खुला बाजार बिक्री योजना
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प्रोजेक्ट विस्तार (Project VISTAAR)
IIT- मद्रास ने प्रोजेक्ट विस्तार (VISTAAR) के लिए केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के साथ भागीदारी की है।
- यहां VISTAAR से आशय है: वर्चुअली इंटीग्रेटेड सिस्टम टू एक्सेस एग्रीकल्चरल रिसोर्सेज।
प्रोजेक्ट विस्तार के बारे में
- यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सभी नेटवर्कों का एक नेटवर्क है। इस पर प्रत्येक राज्य अपना स्वयं का कृषि-सलाहकार नेटवर्क बना सकता है।
- यह महत्वपूर्ण कृषि संसाधनों को बिना बाधा के प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करने वाला एक व्यापक नेटवर्क है। यह अलग-अलग डेटाबेस को जोड़ता है।
- उद्देश्य: यह कृषि संबंधी बेहतर निर्णय लेने और संसाधन के बेहतर उपयोग को बढ़ावा देगा।
- महत्त्व:
- यह नेटवर्क कृषि क्षेत्रक के अधिक हितधारकों तक फसल उत्पादन, बिक्री, मूल्य संवर्धन और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन पर उत्कृष्ट सलाहकार सेवाएं पहुंचाएगा।
- यह नेटवर्क किसानों को उनके लिए आवश्यक सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करेगा।
- Tags :
- प्रोजेक्ट विस्तार
- एग्रीकल्चरल रिसोर्सेज
“लॉजिस्टिक्स ईज़ एक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स (लीड्स/ LEADS) 2024” रिपोर्ट जारी की गई {LOGISTICS EASE ACROSS DIFFERENT STATES (LEADS) 2024’ REPORT RELEASED}
लीड्स रिपोर्ट 2024, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी की गई है और यह रिपोर्ट लीड्स सर्वेक्षण श्रृंखला का छठा संस्करण है।
लॉजिस्टिक्स ईज़ एक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स (लीड्स/ LEADS) के बारे में

- उद्देश्य: राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के स्तर पर लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन में सुधार के बारे में जानकारी प्रदान करना।
- लीड्स को विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक (LPI) की तर्ज पर 2018 में विकसित किया गया था।
- विश्व बैंक का LPI पूरी तरह से धारणा-आधारित सर्वेक्षणों पर निर्भर है। इसके विपरीत, लीड्स में धारणा के साथ-साथ वस्तुनिष्ठ माप (Objectivity) भी शामिल है।
- लीड्स को विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक (LPI) की तर्ज पर 2018 में विकसित किया गया था।
- मापदंड: इसके तहत चार मुख्य आधारों पर लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाता है (इन्फोग्राफिक देखें)।
- राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों की श्रेणियां: इन्हें निम्नलिखित चार समूहों में वर्गीकृत किया गया है-
- तटीय, स्थल-रुद्ध, पूर्वोत्तर और केंद्र शासित प्रदेश।
- इसके अलावा प्रदर्शन के आधार पर इन्हें अचीवर्स, फास्ट मूवर्स और एस्पायरर्स का टैग प्रदान किया जाता है।
- तटीय, स्थल-रुद्ध, पूर्वोत्तर और केंद्र शासित प्रदेश।
- 2024 में राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों का प्रदर्शन-
- अचीवर्स: गुजरात, हरियाणा, असम, चंडीगढ़, आदि।
- फास्ट मूवर्स: आंध्र प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश आदि।
- एस्पायरर्स: केरल, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, छत्तीसगढ़, आदि।
लीड्स फ्रेमवर्कवाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्रक को लीड्स फ्रेमवर्क यानी लोंगेविटी, दक्षता एवं प्रभावशीलता, एक्सेसिबिलिटी व जवाबदेही तथा प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण को अपनाने का आग्रह किया है, ताकि लॉजिस्टिक्स क्षेत्रक को नया रूप दिया जा सके।
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- लॉजिस्टिक्स ईज़ एक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स
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एंटिटी लॉकर (ENTITY LOCKER)
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग ने एंटिटी लॉकर विकसित किया है।
एंटिटी लॉकर के बारे में
- यह सुरक्षित और क्लाउड-आधारित समाधान है। यह बड़े संगठनों, निगमों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों आदि के लिए डाक्यूमेंट्स को स्टोर, साझा एवं सत्यापन करना आसान बनाता है।
- यह भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) का एक महत्वपूर्ण घटक है।
- एंटिटी लॉकर ऑफर:
- सरकारी डेटाबेस के साथ एकीकरण के माध्यम से डाक्यूमेंट्स को रियल टाइम आधार पर प्राप्त और सत्यापित किया जा सकता है।
- गोपनीय जानकारी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डॉक्यूमेंट के धारक की सहमति प्राप्त करना अनिवार्य किया गया है।
- डॉक्यूमेंट प्राप्त करने के लिए आधार नंबर से सत्यापन किया जाएगा, ताकि भविष्य में गड़बड़ी होने पर जवाबदेही तय की जा सके।
- इसमें 10GB की एन्क्रिप्टेड क्लाउड स्टोरेज सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही डाक्यूमेंट्स को सत्यापित करने के लिए कानूनी रूप से वैध डिजिटल सिग्नेचर की आवश्यकता होगी।
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- एंटिटी लॉकर
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Z मोड़ सुरंग (सोनमर्ग सुरंग) {Z MORH TUNNEL (SONAMARG TUNNEL)}
प्रधान मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में गांदरबल के सोनमर्ग क्षेत्र में Z-मोड़ सुरंग का उद्घाटन किया।
Z-मोड़ सुरंग के बारे में
- इस सुरंग के निर्माण की शुरुआत 2015 में BRO (सीमा सड़क संगठन) द्वारा की गई थी। बाद में, इसके निर्माण की जिम्मेदारी राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड ने ले ली।
- APCO इंफ्राटेक फर्म ने इस परियोजना को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई।
- यह सुरंग 8,650 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। यह दो-लेन वाली सड़क सुरंग है। इसमें आपात स्थिति के लिए 7.5 मीटर चौड़ा समानांतर बचाव मार्ग (Escape passage) भी बनाया गया है।
- सोनमर्ग सुरंग परियोजना कुल 12 किलोमीटर की है। इसमें 6.4 किमी लंबी मुख्य सुरंग (Z-मोड़), एक निकास सुरंग और एप्रोच मार्ग शामिल हैं।
महत्व
- यह श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सभी मौसमों के लिए कनेक्टिविटी प्रदान करती है। इससे श्रीनगर से आगे लेह तक सभी मौसमों में यात्रा की जा सकेगी।
- यह लद्दाख क्षेत्र तक सुरक्षित और सुगम यात्रा सुनिश्चित करेगी।
- इससे शीतकालीन पर्यटन और एडवेंचर स्पोर्ट्स के जरिए सोनमर्ग में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, इससे स्थानीय लोगों के लिए आजीविका के साधन भी बढ़ेंगे।
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- Z मोड़ सुरंग
बनिहाल बाईपास
बनिहाल बाईपास का निर्माण पूरा हो चुका है।
बनिहाल दर्रे के बारे में
- यह दर्रा जम्मू और कश्मीर में NH-44 के 2.35 किमी लम्बे सड़क खंड का हिस्सा है।
- NH-44 भारत का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है। इसे पहले NH-7 के नाम से भी जाना जाता था।
- यह राजमार्ग 3,745 किलोमीटर लंबा है और जम्मू-कश्मीर के उत्तरी छोर पर स्थित श्रीनगर को भारत के सुदूर दक्षिणी छोर पर स्थित कन्याकुमारी से जोड़ता है।
- यह बाईपास सुरक्षा बलों के लिए तेज और सुगम आवागमन को सुनिश्चित करेगा। यह खरपोरा, बनिहाल और नवयुग सुरंग के बीच यात्रा का समय घटाकर मात्र 7 मिनट कर देगा।
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- बनिहाल बाईपास
अंजी खड्ड पुल ( ANJI KHAD BRIDGE)
भारतीय रेलवे ने भारत के पहले केबल-स्टेड रेल पुल अंजी खड्ड पुल के पूरा होने के साथ ही एक महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग उपलब्धि हासिल की है।
अंजी खड्ड पुल: मुख्य विवरण
- स्थान: जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में स्थित उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा है।
- आयाम:
- लंबाई: 725.5 मीटर।
- ऊंचाई: यह अंजी नदी (चेनाब की एक सहायक नदी) से 331 मीटर ऊपर है।
- महत्त्व:
- कटरा और कश्मीर घाटी के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा।
- इससे जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा मिलने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
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- अंजी खड्ड पुल