नीति आयोग के 10 वर्ष (10 Years of NITI Aayog) | Current Affairs | Vision IAS
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नीति आयोग के 10 वर्ष (10 Years of NITI Aayog)

Posted 05 Mar 2025

Updated 18 Mar 2025

29 min read

सुर्ख़ियों में क्यों? 

1 जनवरी, 2025 को नीति आयोग (नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया) ने अपना दसवां स्थापना दिवस मनाया। 

नीति आयोग के बारे में 

  • नीति आयोग सरकार का एक सलाहकार निकाय (थिंक-टैंक) है। इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक संकल्प के तहत पूर्ववर्ती योजना आयोग के स्थान पर स्थापित किया गया है। 
    • यह न तो संवैधानिक और न ही सांविधिक निकाय है।
  • इसे मुख्य रूप से दो तरह के काम सौंपे गए हैं:
    • देश में सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को अपनाने एवं उन्हें हासिल करने की दिशा में किए जाने वाले प्रयासों की निगरानी करना; तथा
    • राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के बीच प्रतिस्पर्धात्मक और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना।
  • नीति आयोग की संरचना
    • अध्यक्ष: भारत का प्रधान मंत्री। 
    • सभी राज्यों और विधान सभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री (CMs);
    • अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल;
    • नीति आयोग के पदेन सदस्य (इनमें प्रधान मंत्री द्वारा नामित केंद्रीय मंत्रिपरिषद के अधिकतम 4 सदस्य शामिल हैं);
    • नीति आयोग का उपाध्यक्ष (प्रधान मंत्री द्वारा नियुक्त);
    • नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य;
    • विशेष आमंत्रित सदस्य (प्रधान मंत्री द्वारा नामित प्रासंगिक विषय क्षेत्र के विशेषज्ञ, एक्सपर्ट और संबंधित क्षेत्र के प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं)।
  • क्षेत्रीय परिषदें: ये एक निर्दिष्ट अवधि के लिए गठित की जाती हैं। इनका काम एक से अधिक राज्य या किसी एक क्षेत्र को प्रभावित करने वाली विशिष्ट समस्याओं और आपात स्थितियों या आकस्मिकताओं का समाधान करना है।
    • इनकी बैठकें प्रधान मंत्री द्वारा आयोजित की जाती हैं। इनमें संबंधित क्षेत्र के राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उप-राज्यपाल शामिल होते हैं। 
  • मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO): इस पद पर भारत सरकार के सचिव रैंक के अधिकारी को प्रधान मंत्री द्वारा नियुक्त किया जाता है। CEO को एक निश्चित कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाता है।
  • मुख्य उद्देश्य:
    • ग्राम स्तर पर विश्वसनीय योजनाओं का निर्माण करना और उन कमजोर वर्गों पर विशेष ध्यान देना, जिन्हें आर्थिक प्रगति से पर्याप्त लाभ न मिलने का जोखिम रहता है। 
    • आर्थिक रणनीति एवं नीति निर्माण में राष्ट्रीय सुरक्षा हितों का समावेश करना।
    • ज्ञान, नवाचार और उद्यमशीलता को समर्थन देने वाली प्रणाली का विकास करना।
    • विभिन्न क्षेत्रकों और विभागों के बीच मुद्दों के समाधान के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करना।
  • अन्य विशेषताएं:
    • इसे विकास निगरानी एवं मूल्यांकन संगठन (Development Monitoring and Evaluation Organisation: DMEO), अटल नवाचार मिशन (AIM) और राष्ट्रीय श्रम अर्थशास्त्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान (National Institute of Labour Economics Research and Development: NILERD) जैसी संलग्न एवं स्वायत्त निकायों द्वारा समर्थन प्राप्त है।
    • इसकी गतिविधियों को मुख्य रूप से निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: नीति और कार्यक्रम फ्रेमवर्क; सहकारी संघवाद; निगरानी एवं मूल्यांकन; तथा थिंक-टैंक, ज्ञान एवं नवाचार केंद्र।

 

नीति आयोग की उपलब्धियां

  • सहकारी संघवाद में वृद्धि: नीति आयोग ने केंद्र और राज्य सरकारों के बीच एक सेतु के रूप में कार्य किया है। इससे क्षेत्रीय प्राथमिकताओं को राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ जोड़ने के लिए सहयोग को बढ़ावा मिला है।
    • उदाहरण के लिए- नीति आयोग का 'टीम इंडिया हब' राष्ट्रीय विकास एजेंडा की दिशा में काम करने हेतु सभी राज्यों को शामिल करता है।
    • एक अन्य उदाहरण आकांक्षी जिला कार्यक्रम (ADP) है। इसका उद्देश्य देश भर के 112 सबसे पिछड़े जिलों का तेजी से और अधिक प्रभावी विकास करना है। नीति आयोग जिला स्तर पर प्रगति को तेज करने के लिए संबंधित मंत्रालयों और विभिन्न विकास भागीदारों के साथ मिलकर काम करता है।
  • प्रतिस्पर्धी संघवाद को मजबूत किया: आयोग ने डेटा-संचालित और पारदर्शी सूचकांक एवं रैंकिंग प्रणालियों के माध्यम से राज्यों के बीच प्रभावी प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया है।
    • उदाहरण के लिए- राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक, आकांक्षी जिला कार्यक्रम, समग्र जल प्रबंधन सूचकांक, राज्य ऊर्जा और जलवायु सूचकांक आदि।
  • गवर्नेंस और नीतिगत सलाह: नीति आयोग ने एक थिंक टैंक के रूप में दीर्घकालिक रणनीतिक नीतियों पर सलाह दी है। साथ ही, पूर्ववर्ती योजना आयोग की वित्तीय आवंटन केंद्रित नीति से हटकर विकेंद्रीकृत शासन दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया है।
    • उदाहरण के लिए- इसने बेहतर गवर्नेंस और नीतिगत कार्यान्वयन के लिए स्टेट इंस्टीटूशन्स ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन (State Institutions of Transformation: SITs) की स्थापना में कई राज्यों की सहायता की है।
  • नवाचार, उद्यमशीलता और डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा दिया: नीति आयोग ने नवाचार, उद्यमिता और डिजिटल परिवर्तन को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक पहलें शुरू की हैं। जैसे- अटल इनोवेशन मिशन (अटल टिंकरिंग लैब्स, अटल इन्क्यूबेशन सेंटर आदि), नॉलेज एंड इनोवेशन हब, नेशनल डेटा एंड एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म (NDAP), डिजिटल भुगतान के लिए रोडमैप, आदि।
  • क्षेत्रीय और अंतर-क्षेत्रीय सामाजिक हस्तक्षेप: उदाहरण के लिए- उत्तर पूर्व के लिए नीति फोरम, सस्टेनेबल एक्शन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग ह्यूमन कैपिटल इन एजुकेशन (SATH-E) पहल, पोषण अभियान, राज्य स्वास्थ्य सूचकांक, स्कूल शिक्षा गुणवत्ता सूचकांक आदि।
  • सतत विकास लक्ष्य (SDGs) की निगरानी: भारत में सतत विकास लक्ष्यों की निगरानी और उन्हें अपनाने की जिम्मेदारी निभाते हुए, नीति आयोग देश की विकास योजनाओं को इन लक्ष्यों के अनुरूप करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उदाहरण के लिए- SDG इंडिया इंडेक्स।

निष्कर्ष 

नीति आयोग ने सहकारी संघवाद, रणनीतिक योजना और नवाचार को बढ़ावा देने के माध्यम से भारत के नीति परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, इसकी प्रभावशीलता कई सीमाओं से बाधित है। नीति आयोग को अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसे एक सशक्त संस्थान के रूप में विकसित करने की आवश्यकता है, जिसमें अधिक वित्तीय स्वायत्तता, संसाधन आवंटन और मजबूत नीतिगत प्रवर्तन तंत्र शामिल हो। इससे राज्यों तथा केंद्र और राज्यों के बीच भी बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया जा सकेगा, जिससे इसकी प्रभावशीलता और बढ़ेगी।

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  • नीति आयोग
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