सुर्ख़ियों में क्यों?
भारत सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index: WPI) की मौजूदा श्रृंखला का आधार वर्ष 2011-12 से बदलकर 2022-23 करने के लिए एक कार्य समूह का गठन किया है।
अन्य संबंधित तथ्य
- नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद को इस कार्य समूह का अध्यक्ष बनाया गया है।
- यह कार्य-समूह WPI की गणना और प्रस्तुति में सुधार करने तथा WPI की जगह उत्पादक मूल्य सूचकांक (Producer Price Index: PPI) को अपनाने के लिए एक रोडमैप की भी सिफारिश करेगा।
- कार्य समूह को सौंपे गए कार्यों में वस्तुओं के मूल्य प्राप्त करने की मौजूदा प्रणाली की समीक्षा करना, WPI/ PPI के लिए अपनाई जाने वाली कम्प्यूटेशनल पद्धति पर निर्णय लेना, आदि शामिल है।
WPI के बारे में
- WPI एक आर्थिक संकेतक है जो एक निश्चित अवधि के दौरान देश के घरेलू बाजार में वस्तुओं की थोक कीमतों में होने वाले बदलाव को मापता है। यह उत्पादन और वितरण स्तर पर मुद्रास्फीति को समझने में मदद करता है और नीतिगत निर्णयों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक के रूप में कार्य करता है।
- जारीकर्ता: इसे केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के तहत कार्यरत आर्थिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा जारी किया जाता है।
- माप: इसे WPI बास्केट में शामिल कुछ निश्चित मदों (वस्तुओं) के भारित औसत के रूप में मापा जाता है।
- बास्केट की संरचना: इसमें कुल 697 मदें शामिल हैं, जिन्हें तीन प्रमुख समूहों में विभाजित किया गया है:
- प्राथमिक मद (भारांश: 100 में से 22.618): इसमें चार उप-समूह शामिल हैं: खाद्य वस्तुएं; गैर-खाद्य वस्तुएं; खनिज; तथा कच्चा पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस।
- ईंधन और बिजली (न्यूनतम भारांश: 100 में से 13.152): इसमें तीन उप-समूह शामिल हैं: कोयला; खनिज तेल; और बिजली।
- विनिर्मित उत्पाद (उच्चतम भारांश: 100 में से 64.230): इसमें 22 उप-समूह शामिल हैं।
- बास्केट की संरचना: इसमें कुल 697 मदें शामिल हैं, जिन्हें तीन प्रमुख समूहों में विभाजित किया गया है:

उत्पादक मूल्य सूचकांक (PPI) के बारे में
- यह उन वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में औसत बदलाव को मापता है, जो घरेलू बाजार में बेची जाती हैं या निर्यात की जाती हैं और जिनकी कीमत उत्पादकों को प्राप्त होती है।
- दो प्रकार:
- आउटपुट PPI: यह किसी आर्थिक गतिविधि से उत्पन्न होने वाली और कवर की गई उन सभी वस्तुओं और सेवाओं की औसत मूल्य वृद्धि को मापता है, जो घरेलू बाजार में बेची जाती हैं या निर्यात की जाती हैं।
- इनपुट PPI: यह अर्थव्यवस्था के किसी विशिष्ट क्षेत्रक में उत्पादन में उपयोग किए जाने वाले सभी मध्यवर्ती इनपुट्स की कीमतों में बदलाव को मापता है।
WPI की जगह PPI को अपनाने की आवश्यकता क्यों है?
- मल्टीपल गणना संबंधी पूर्वाग्रह: WPI में एक ही उत्पाद की दोहरी गणना की वजह से मल्टीपल गणना संबंधी पूर्वाग्रह मौजूद होता है। मल्टीपल गणना तब होती है, जब किसी विशिष्ट वस्तु के मूल्य और उसके उत्पादन के लिए प्रयुक्त इनपुट को समग्र सूचकांक में शामिल कर लिया जाता है। PPI में दोहरी गणना की संभावना नहीं रहती है।
- सेवाओं को शामिल नहीं किया जाना: WPI में सेवा क्षेत्रक (भारत की GDP का लगभग 55%) से संबंधित मदों को शामिल नहीं किया जाता है।
- करों को शामिल नहीं करना: नवीनतम WPI श्रृंखला (2011-12) में केवल मूल कीमतों को शामिल किया जाता है। इसमें कर, छूट/ व्यापार छूट, परिवहन और अन्य शुल्क शामिल नहीं हैं।
- PPI के लाभ: इसमें सेवाओं के मूल्य में परिवर्तन को भी शामिल किया जाता है और अप्रत्यक्ष करों को बाहर रखता है। विकसित अर्थव्यवस्थाओं (जैसे- संयुक्त राज्य अमेरिका) में PPI का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, जिससे इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक मान्यता प्राप्त है।
तुलना
पैरामीटर | थोक मूल्य सूचकांक (WPI) | उत्पादक मूल्य सूचकांक (PPI) | उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) |
परिभाषा
| थोक स्तर पर (खुदरा से पहले) मदों की कीमतों में परिवर्तन को मापता है। | उत्पादक स्तर पर मूल्य परिवर्तन को मापता है (उत्पादकों को वस्तुओं और सेवाओं की प्राप्त कीमतें)।
| उपभोक्ता द्वारा किए गए मूल्य भुगतान में परिवर्तन को मापता है (उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान की जाने वाली खुदरा कीमतें)। |
दायरा | वस्तुओं के उपभोक्ताओं तक पहुंचने से पहले थोक स्तर पर बिक्री के मूल्य को कवर करता है।
| इसमें उत्पादक स्तर पर वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य को शामिल किया जाता है। इसमें इनपुट और आउटपुट भी शामिल है।
| घरों में उपभोग की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं को कवर करता है। |
आधार वर्ष | 2011-12 | भारत में अभी तक आधिकारिक तौर पर लागू नहीं हुआ है।
| 2012 |
संघटन | इसमें मुख्य रूप से विनिर्मित उत्पाद, ईंधन और प्राथमिक वस्तुएं शामिल हैं। | इसमें अलग-अलग उत्पादन चरणों में वस्तुएं और सेवाएं, दोनों शामिल हैं।
| इसमें भोजन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और आवास जैसी वस्तुएं और सेवाएं शामिल हैं। |
क्या सेवाएं शामिल हैं? | नहीं | हाँ | हाँ |
माप | WPI का भारांश उत्पादन मूल्यों पर आधारित होता है। | मदों का भारांश आपूर्ति और उपयोग तालिका (Supply Use Table) से प्राप्त किया जाता है। | CPI बास्केट का भारांश उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण से लिए गए औसत घरेलू व्यय पर आधारित होता है। |
करों का समावेश | अप्रत्यक्ष करों को छोड़कर | PPI के कुछ वेरिएंट में कर शामिल हो सकते हैं यदि उन्हें उत्पादकों पर लगाया जाता है।
| अप्रत्यक्ष कर शामिल
|
मल्टीपल काउंटिंग पूर्वाग्रह
| उपस्थित | अनुपस्थित | उपस्थित |
जारीकर्ता | केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के DPIIT के तहत आर्थिक सलाहकार कार्यालय | भारत में अभी तक आधिकारिक तौर पर लागू नहीं हुआ है।
| केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) |
निष्कर्ष
WPI आधार वर्ष में संशोधन और PPI को अपनाना वास्तव में मुद्रास्फीति को मापने का अधिक सटीक और विश्वस्तरीय तरीका हो सकता है। PPI को अपनाने से आर्थिक नीति निर्माण में भी सुधार हो सकता है। अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रकों की कीमतों में परिवर्तन की गणना की जा सकती है। साथ ही, ये कदम परिवर्तनशील अर्थव्यवस्था में डेटा-संचालित निर्णय लेने के लिए एक मजबूत फ्रेमवर्क भी प्रदान कर सकते हैं।