माता-पिता को अपनी लड़कियों की उच्च शिक्षा और अन्य आवश्यक खर्चों के लिए धन जुटाने में सहायता करना।
शुरुआत: 22 जनवरी, 2015 को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत शुरू किया गया।
पात्रता:
इसके तहत जैविक या कानूनी अभिभावक द्वारा 10 वर्ष से कम आयु की बालिका के लिए खाता खोला जा सकता है।
योजना के नियमों के तहत एक जमाकर्ता एक बालिका के नाम पर केवल एक खाता खोल सकता है और संचालित कर सकता है।
किसी बालिका के जैविक या कानूनी अभिभावक को केवल दो बालिकाओं के लिए खाता खोलने की अनुमति है।
जमा और योगदान:
न्यूनतम जमा राशि: ₹250
अधिकतम जमा राशि: ₹1,50,000 प्रति वित्तीय वर्ष
नोट: खाता खोलने की तारीख से पंद्रह वर्ष तक की अवधि के लिए जमा किया जा सकता है।
कर लाभ: योगदान, अर्जित ब्याज और परिपक्व धनराशि को आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर से छूट दी गई है, जिससे यह ट्रिपल टैक्स-फ्री (EEE) योजना बन गई है।
ब्याज दर: सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) की ब्याज दर वित्त मंत्रालय द्वारा तिमाही आधार पर संशोधित की जाती है।
ब्याज गणना: ब्याज की गणना मासिक रूप से की जाती है और यह गणना महीने की पांचवीं तारीख के बाद और महीने के अंत तक के बीच खाते में उपलब्ध न्यूनतम शेष राशि के आधार पर की जाती है। यह ब्याज प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में ब्याज खाते में जोड़ा जाता है।
खाते की परिपक्वता
खाता खोलने की तारीख से खाताधारक के 21 वर्ष पूरे होने पर खाता परिपक्व होता है।
शादी के लिए 18 वर्ष की आयु पूर्ण के बादखाते को समय से पूर्व आवश्यक दस्तावेज जमा कर बंद किया जा सकता है।
खाते का प्रबंधन:
जब तक बालिका 18 वर्ष की आयु की नहीं हो जाती, तब तक खाता उसके अभिभावक द्वारा संचालित किया जाता है।
18 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद, खाताधारक/ बालिका स्वयं आवश्यक दस्तावेज जमा करके खाते को नियंत्रित कर सकती है।
शिक्षा के लिए धन की निकासी:
खाताधारक 50% तक की निकासी के लिए आवेदन कर सकता है। यह निकासी तभी स्वीकार्य है जब तक खाता धारक 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर ले अथवा दसवीं कक्षा उत्तीर्ण कर ले, जो भी पहले हो।
निकासी एकमुश्त (lump sum) या किस्तों में की जा सकती है, जिसमें प्रति वर्ष अधिकतम एक निकासी की अनुमति है, जो पांच वर्षों तक जारी रह सकती है।
समय से पूर्व खाता बंद करना
यदि खाताधारक की मृत्यु होने की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में, खाते को तुरंत बंद किया जा सकता है।
अत्यधिक दयनीय परिस्थितियों में, जैसे खाताधारक को जीवन-घातक बीमारी होने या अभिभावक का निधन होने जैसी स्थिति उत्पन्न होने पर संबंधित खाता अधिकारी समय से पहले खाता बंद करने की अनुमति दे सकता है।
हालांकि, खाता खोलने के पहले पांच वर्षों के भीतर समयपूर्व खाता बंद करने की अनुमति नहीं होगी।