सुर्ख़ियों में क्यों?
बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) के अनुसार, प्रोजेक्ट एमब्रिज 2024 के मध्यावधि तक न्यूनतम व्यवहार्य उत्पाद (Minimum viable product: MVP) चरण तक पहुंच गया था।
प्रोजेक्ट एमब्रिज के बारे में

- प्रोजेक्ट एमब्रिज को 2021 में लॉन्च किया गया था। यह एक क्रॉस-बॉर्डर, विकेंद्रीकृत, मल्टीपल सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (mCBDC) प्लेटफ़ॉर्म है।
- एक नए ब्लॉकचेन 'एमब्रिज लेजर' पर आधारित प्लेटफॉर्म भी बनाया गया है। इसका उद्देश्य रीयल-टाइम, पीयर-टू-पीयर, सीमा-पार भुगतान और विदेशी मुद्रा लेन-देन में सहायता प्रदान करना है।
- यह डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) पर बनाया गया है। DLT एक विकेन्द्रीकृत बहीखाता (लेजर) नेटवर्क है जिसमें डेटा सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कई नोड्स के संसाधनों का उपयोग किया जाता है।
- प्रतिभागी: इसे BIS इनोवेशन हब के नेतृत्व में चीन, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और हांगकांग के केंद्रीय बैंकों के सहयोग से शुरू किया गया था।
- सऊदी सेंट्रल बैंक 2024 में इसमें शामिल हुआ।
- इसके भारतीय रिजर्व बैंक सहित 31 से अधिक पर्यवेक्षक सदस्य हैं।

mCBDC का महत्व:
- यह लेन-देन की लागत को कम करती है तथा दक्षता और लेन-देन की गति में बढ़ोतरी करती है।
- यह ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग से सुरक्षा और पारदर्शिता में बढ़ोतरी करती है।
- देशों के बीच मौद्रिक संप्रभुता, विश्वसनीयता और भरोसा सुनिश्चित करती है।
- यह एकाधिकार और डिजिटल डॉलरीकरण (अन्य मुद्राओं का अधिक प्रभुत्व वाली मुद्रा द्वारा प्रतिस्थापन) आदि को रोकती है।

mCBDC से जुड़ी चुनौतियां
- वैश्विक स्वीकृति और विश्वसनीयता बनाए रखने की चुनौती है क्योंकि BIS ने लगभग चार वर्षों तक इसमें शामिल रहने के बाद परियोजना से पीछे हटने की घोषणा की है।
- कई क्षेत्रों में सुसंगत विनियामक फ्रेमवर्क की कमी के कारण विनियामकीय अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है।
- डिजिटल मुद्राओं के उपयोग से जुड़ी अस्थिरता और मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिरता से जुड़ी चिंताएं मौजूद हैं।
- डेटा उल्लंघनों, अवैध उपयोग जैसे कि मनी लॉन्ड्रिंग, कर चोरी या अवैध गतिविधियों को वित्तपोषित करने आदि के बारे में सुरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा होती हैं।
- लेन-देन की समानांतर और गैर-विनियमित संरचनाएं बनाने के जोखिम मौजूद हैं।
एमब्रिज की तरह की गई अन्य वैश्विक पहलें
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निष्कर्ष
mBRIDGE एक अधिक बहुध्रुवीय वैश्विक वित्तीय प्रणाली की ओर संभावित बदलाव की ओर संकेत करता है। इस स्थिति में स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं द्वारा समर्थित डिजिटल मुद्राएं अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। mBRIDGE परियोजना, देशों को अपने वित्तीय लेन-देन पर अधिक नियंत्रण देकर आर्थिक संप्रभुता को बढ़ाने का आश्वासन देती है। यह पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों या अन्य प्रकार के आर्थिक दबाव के जोखिम को कम करता है, हालांकि इसकी अपनी चुनौतियां भी हैं।