नेपाल में जेन-Z का विरोध प्रदर्शन (GEN Z PROTEST IN NEPAL) | Current Affairs | Vision IAS
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नेपाल में जेन-Z का विरोध प्रदर्शन (GEN Z PROTEST IN NEPAL)

Posted 04 Oct 2025

Updated 10 Oct 2025

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Article Summary

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नेपाल के जेनरेशन जेड युवाओं ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध, भ्रष्टाचार और अतिवादी प्रतिक्रियाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, वैश्विक आंदोलनों से प्रेरित विकेन्द्रीकृत, तकनीक-संचालित सक्रियता का प्रदर्शन किया, तथा सार्थक युवा भागीदारी और सुधार की मांग की।

सुर्ख़ियों में क्यों?

नेपाल में "जनरेशन Z' या 'जेन-Z' के विरोध-प्रदर्शन के कारण सत्तारूढ़ सरकार के पतन के बाद सुशीला कार्की को 2026 के चुनाव तक अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है।

नेपाल में जेन-Z विरोध-प्रदर्शन के कारण

  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध: नेपाल सरकार द्वारा 26 प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (जैसे व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि) पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस प्रतिबंध को 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' को दबाने और नागरिकों के मूल अधिकारों के उल्लंघन के रूप में देखा गया।
  • बढ़ता भ्रष्टाचार और जवाबदेही की कमी: व्यापक भ्रष्टाचार, उच्च-स्तरीय घोटालों और कानूनी सुधारों की कमी ने जनता में सरकार के प्रति अविश्वास पैदा किया।
    • सोशल मीडिया पर वायरल हुए पोस्ट्स से जीवन में संघर्ष कर रहे आम युवाओं और राजनेताओं के बच्चों की विलासितापूर्ण जीवन-शैली के बीच के अंतर को उजागर किया।
  • अन्य कारण: विरोध-प्रदर्शन के खिलाफ सरकार की जवाबी कार्रवाई, नेपाल की 21% आबादी का 15–24 वर्ष के आयु वर्ग में होने से युवा जोश की अभिव्यक्ति, बांग्लादेश जैसे वैश्विक युवा आंदोलनों से प्रेरणा तथा 1990 और 2006 के जन-आंदोलन जैसे राजनीतिक विरोधों का इतिहास।

जेन-Z के विरोध-प्रदर्शनों ने वास्तव में विरोध प्रदर्शनों के बदलते स्वरूप और युवा आबादी द्वारा निभाई जा रही भूमिका को रेखांकित किया है।

युवा आंदोलनों की विशेषताएं

  • विकेन्द्रीकृत और नेतृत्व-रहित आंदोलन"बी वाटर" यानी "पानी जैसा बनो" रणनीति के तहत बिना किसी स्थायी नेतृत्व के लचीलापन और परिस्थिति के अनुसार ढलना।
    • उदाहरण के लिएहांगकांग विरोध-प्रदर्शन (2019) का कोई केंद्रीय नेतृत्व नहीं होने के कारण प्रशासन के लिए आंदोलन को समाप्त करना कठिन हो गया।
  • प्रौद्योगिकी और डिजिटल माध्यमों का उपयोग: अधिकारियों की निगरानी से बचने के लिए एन्क्रिप्टेड ऐप्स (जैसे टेलीग्राम, सिग्नल), वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क(VPNs) और पहचान को गुप्त रखने वाले ऑनलाइन टूल्स का प्रयोग किया जाता है।
    • उदाहरण के लिए: म्यांमार के युवा कार्यकर्ताओं ने 2021 के सैन्य तख्तापलट के दौरान सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद विरोध-प्रदर्शन में सहयोग के लिए VPNs का उपयोग किया।
  • सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जुटाना: वायरल हैशटैग, मीम्स और इन्फ्लुएंसर्स के जरिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाया जाता है और मुद्दों का प्रसार किया जाता है।
    • उदाहरण के लिए: #MilkTeaAlliance (हांगकांग, ताइवान, थाईलैंड, म्यांमार) तथा अरब स्प्रिंग (ट्यूनीशिया, मिस्र, 2011)।
  • मिश्रित रणनीतियां: जैसे, हांगकांग के प्रदर्शनकारियों ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर योजना बनाई और ऑफलाइन "लेनन वॉल्स" के माध्यम से इसे अभिव्यक्ति दी।
  • युवा-केंद्रित और विद्यार्थी-प्रेरित: जेन-Z स्वयं को बदलाव का माध्यम मानती है और पुरानी पीढ़ियों की तुलना में सत्ता को चुनौती देने के लिए अधिक तत्पर है।
    • उदाहरण के लिए: थाईलैंड में राजशाही व्यवस्था में सुधार के लिए छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन (2020)।
  • अलग-अलग मुद्दे एक साथ जुड़ना: अलग-अलग सामाजिक और पर्यावरणीय सरोकारों को एक साथ जोड़ना।
    • उदाहरण के लिए: FridaysForFuture (जलवायु परिवर्तन के लिए) और ईरान में जेन-Z महिलाओं के नेतृत्व वाले "वीमेन, लाइफ, एंड फ्रीडम" आंदोलन (2022)।
  • अपरंपरागत और प्रतीकात्मक विरोध की शैली: अलग-अलग संस्कृतियों के तत्वों का मिश्रण (अंतरराष्ट्रीय गीतों व कला का उपयोग), मौन प्रदर्शन, ब्लैंक प्लेकार्ड्स, फ्लैश मॉब, वायरल डांस चैलेंज आदि।
    • उदाहरण के लिए: चीन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए "ब्लैंक पेपर प्रोटेस्ट" (2022)।
  • अल्पकालिक लेकिन उच्च प्रभाव वाले आंदोलन:
    • उदाहरण के लिए: श्रीलंका का "अरगलया" आंदोलन (2022) — जो कम समय के लिए चला, लेकिन गहरा प्रभाव छोड़ गया।

नागरिक आंदोलनों में युवाओं की भूमिका

  • औपनिवेशिक शासन से मुक्ति आंदोलनों में: उदाहरण के लिए, कांग्रेस के युवा संगठन ने शांतिपूर्ण आंदोलन का नेतृत्व किया, जबकि अनुशीलन समिति और युगांतर समूह जैसे क्रांतिकारी संगठनों ने भारत में सशस्त्र प्रतिरोध किया।
  • नागरिक अधिकार आंदोलनों में: उदाहरण के लिए, अमेरिका का सिविल राइट्स मूवमेंट और विद्यार्थियों के नेतृत्व में वियतनाम युद्ध का विरोध प्रदर्शन — इन आंदोलनों ने अधिनायकवाद (Authoritarianism), युद्ध और सामाजिक असमानता के प्रति युवाओं के विरोध को उजागर किया।
  • लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा में: उदाहरण के लिए, बेलारूस (2020) में चुनावी धोखाधड़ी और सत्तावादी दमन के खिलाफ विद्यार्थियों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन।
  • सुशासन और पारदर्शिता की मांग में: उदाहरण के लिए, भारत में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन (2011) जिसने सरकारी व्यवस्था में भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक जन-जागरूकता पैदा की और अंततः लोकपाल संस्था के गठन का मार्ग प्रशस्त किया।

आगे की राह

  • युवा-केंद्रित आर्थिक नीति बनाना: उद्यमिता, व्यावसायिक (वोकेशनल) प्रशिक्षण और कौशल विकास को बढ़ावा देना चाहिए।
    • उदाहरण के लिए: मेडेलिन (कोलंबिया) में लाइब्रेरी पार्क और रूटा N (इनोवेशन हब) जैसी पहलों ने युवाओं को अपराध से दूर रखते हुए उन्हें विकास के वाहक में बदल दिया।
  • नीति-निर्माण में युवाओं की सक्रिय भागीदारी बढ़ाना: सार्थक भागीदारी से युवाओं की आकांक्षाओं को सही दिशा दी जा सकती है। इससे उनमें व्यवस्था के प्रति नीरसता की भावना कम होती है और सामाजिक एकजुटता एवं स्थिरता सुनिश्चित होती है।
  • शहरी रेजिलिएंस का विस्तार: उदाहरण के लिए: केपटाउन की रेज़िलिएंस स्ट्रैटेजी ने अपने रेजिलिएंस एजेंडे में युवा बेरोजगारी और सामाजिक असुरक्षा को शामिल किया है तथा सामुदायिक सुरक्षा कार्यक्रमों और गरीब इलाकों में नागरिक भागीदारी मंचों को बढ़ावा दिया है। 
  • उत्तरदायी शासन सुनिश्चित करना: डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का बेहतर उपयोग करते हुए संवाद, शिकायत निवारण और नीति के प्रचार के लिए सोशल मीडिया के सही उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए, साथ ही गलत सूचना से निपटने के लिए प्रयास करना चाहिए और नागरिक सहभागिता को बढ़ावा देना चाहिए।
  • सॉफ्ट पावर और समुदाय को जोड़ना: नागरिक शिक्षा, स्वयंसेवा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देकर युवाओं में व्यवस्था या इसकी पहलों के प्रति जुड़ाव की भावना विकसित करनी चाहिए। जैसे कि जलवायु कार्रवाई, सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) और स्थानीय समस्याओं के समाधान में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना।

निष्कर्ष

"ऐसे समय आ सकते हैं जब हम अन्याय को रोकने में असमर्थ हों, लेकिन ऐसा समय कभी नहीं आना चाहिए जब हम विरोध करने में असफल हों" — (एली विज़ल)। जेन Z के विरोध-प्रदर्शन इसी प्रकार की नागरिक सक्रियता का प्रतीक हैं — जो सत्ता को चुनौती देते हैं, हाशिए पर पड़े लोगों की आवाज को बुलंद करते हैं और लोकतांत्रिक भागीदारी के स्वरूप को फिर से परिभाषित करते हैं।

  • Tags :
  • Gen Z Protest
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