लोक लेखा समिति ने GST फ्रेमवर्क की समीक्षा की मांग की {PAC CALLS FOR REVIEW OF GST} | Current Affairs | Vision IAS
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संक्षिप्त समाचार

Posted 02 May 2025

Updated 08 May 2025

31 min read

लोक लेखा समिति ने GST फ्रेमवर्क की समीक्षा की मांग की {PAC CALLS FOR REVIEW OF GST}

संसदीय लोक लेखा समिति ने GST फ्रेमवर्क की व्यापक समीक्षा की मांग की।

GST फ्रेमवर्क की समीक्षा की आवश्यकता को रेखांकित करने वाले मुद्दे 

  • MSMEs की समस्याएं: इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर की जटिलता और प्रशासनिक बोझ के कारण MSMEs GST फ्रेमवर्क के मौजूदा प्रावधानों का पालन करने में कठिनाई महसूस करते हैं।
  • निर्यातकों की समस्याएं: अक्सर यह देखा गया है कि निर्यातकों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) रिफंड काफी देर से दिया जाता है। इस वजह से उन्हें नकदी प्रवाह की समस्या का सामना करना पड़ता है और उनकी वैश्विक प्रतिस्पर्धा कम हो जाती है।
  • स्टील रोलिंग मिलों की समस्याएं: स्क्रैप डीलर्स GST का भुगतान नहीं करते, जिससे इन मिलों को दोहरे करों का भुगतान करना पड़ता है और वे ITC का क्लेम भी नहीं कर पाते है। इसके अलावा, कुछ व्यवसाय उन राज्यों में स्थानांतरित हो रहे हैं, जहां GST में छूट मिलती है।
  • ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्रक द्वारा कर चोरी: यद्यपि हाल ही में, GST कानून में इस क्षेत्रक को लक्षित करने वाले संशोधन किए गए हैं, फिर भी अलग-अलग बिजनेस मॉडल्स के कारण कर चोरी निरंतर जारी है।
    • 1 अक्टूबर, 2023 से, ऑनलाइन गेमिंग पर 28% GST लगाया जा रहा है।
    • ऑनलाइन मनी गेमिंग के आपूर्तिकर्ताओं के लिए IGST अधिनियम के तहत सरलीकृत पंजीकरण योजना में पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है।
    • GST आसूचना महानिदेशालय (DGGI) को अधिकार दिया गया है कि वह मध्यवर्तियों को IGST अधिनियम का उल्लंघन करने वाले अपंजीकृत ऑफशोर गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करने का निर्देश दे सकता है।

आगे की राह

  • विशेष रूप से MSMEs के लिए डिजाइन किया गया सरलीकृत GST अनुपालन फ्रेमवर्क विकसित किया जाना चाहिए।
  • निर्यातकों के लिए समर्पित फास्ट-ट्रैक रिफंड प्रोसेसिंग सिस्टम बनाया जाना चाहिए। इससे निर्यात से संबंधित उनके ITC दावों का शीघ्र निपटारा करने में मदद मिलेगी।
  • अलग-अलग गेमिंग प्लेटफॉर्म्स द्वारा अपनाए गए रेवेन्यू स्ट्रीमिंग मॉडल्स को समझने के लिए व्यापक स्वतंत्र अध्ययन किया जाना चाहिए, तदनुसार दिशा-निर्देश तैयार किए जाने चाहिए। 
  • Tags :
  • GST
  • संसदीय लोक लेखा समिति

UNCTAD ने 'ए वर्ल्ड ऑफ डेब्ट रिपोर्ट 2024' जारी की (UNCTAD RELEASED ‘A WORLD OF DEBT REPORT 2024’)

सार्वजनिक ऋण महत्वपूर्ण व्ययों को वित्त-पोषित करके विकास को गति दे सकता है, लेकिन अत्यधिक ऋण वृद्धि विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए चुनौतियां पैदा करती है।

  • यूएन ट्रेड एंड डेवलपमेंट की इस रिपोर्ट में बढ़ते ऋण जोखिमों की चेतावनी दी गई है तथा स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल वैश्विक कार्रवाई का आग्रह किया गया है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नज़र

  • वैश्विक ऋण वृद्धि: 2023 में सार्वजनिक ऋण 97 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया था। इसके अलावा, विकासशील देशों का ऋण विकसित देशों की तुलना में दोगुनी तेजी से बढ़ रहा है।
    • भारत का सार्वजनिक ऋण 2.9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है।
  • ऋण भुगतान पर अधिक व्यय: 54 विकासशील देश अपने सामाजिक क्षेत्रक की तुलना में ब्याज भुगतान पर अधिक धन व्यय करते हैं।
  • असमान वित्तीय प्रणाली: विकासशील देश विकसित देशों की तुलना में 2 से 12 गुना अधिक ब्याज का भुगतान करते हैं।

बढ़ते वैश्विक सार्वजनिक ऋण से उत्पन्न होने वाली चुनौतियां

  • ऋण का बोझ: किसी देश पर अत्यधिक ऋण, उसके निवेश एवं उपभोग की क्षमता को हतोत्साहित करके आर्थिक संवृद्धि को बाधित करता है।
  • तरलता संबंधी चुनौती: विकासशील देशों से निजी ऋणदाताओं द्वारा लगभग 50 बिलियन डॉलर की निकासी ने तरलता की कमी को और बढ़ा दिया है।
  • पश्चिमी प्रभुत्व वाले संस्थानों (निजी, बहुपक्षीय और द्विपक्षीय ऋणदाताओं) के साथ ऋणदाता आधार (creditor base) ऋण की पुनर्संरचना को महंगा बनाता है।

रिपोर्ट में की गई सिफारिशें

  • समन्वय संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए ऋण पुनर्संरचना तंत्र का निर्माण करना चाहिए।
  • ऋण संकटों को रोकने के लिए आकस्मिक वित्त-पोषण का विस्तार करना चाहिए।
  • वैश्विक वित्तीय गवर्नेंस में विकासशील देशों की भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए। 
  • Tags :
  • UNCTAD
  • सार्वजनिक ऋण

सड़क क्षेत्रक में सबसे बड़ा InvIT मुद्रीकरण (Largest INVIT Monetization In Roads Sector)

नेशनल हाईवेज इंफ्रा ट्रस्ट (NHIT) ने सड़क क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs) के माध्यम से सबसे बड़ी धनराशि जुटाई है।

  • NHIT राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा 2020 में स्थापित InvIT है। इसका उद्देश्य भारत के परिसंपत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम (Asset Monetisation programme) में योगदान देना है। 

अवसंरचना निवेश ट्रस्ट (InvITs) के बारे में

  • परिभाषा: InvITs निवेश जुटाने के साधन हैं। ये वास्तव में म्यूचुअल फंड या रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) की तरह कार्य करते हैं।
  • InvITs किसी व्यक्ति या संस्था को अवसंरचना परियोजनाओं में सीधे निवेश करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
    • एक InvIT सीधे या किसी स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) या होल्डिंग कंपनी के माध्यम से अवसंरचना परियोजनाओं में निवेश कर सकता है।
  • InvITs टोल, रेंट, निवेश पर ब्याज या लाभांश के रूप में आय अर्जित करते हैं।
    • InvITs के यूनिट होल्डर्स को ब्याज, लाभांश और रेंट से आय पर कर चुकाना होता है।
  • InvITs का विनियमन: InvITs को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (अवसंरचना निवेश न्यास) विनियम, 2014 के तहत प्रशासित किया जाता है।
    • भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के नियमों के अनुसार, InvITs को अपनी कुल आय का कम-से-कम 90% निवेशकों को वितरित करना आवश्यक है। 
    • InvITs को "वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित का प्रवर्तन (सरफेसी/ SARFAESI)" के तहत “उधारकर्ता” (Borrower) के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  • InvITs के निम्नलिखित प्रकार हैं:
    • सार्वजनिक क्षेत्र के InvITs; 
    • निजी क्षेत्र के सूचीबद्ध InvITs; तथा  
    • निजी क्षेत्र के गैर-सूचीबद्ध InvITs.  
  • InvITs के लाभ
    • रिटेल यानी व्यक्तिगत निवेशक बड़ी अवसंरचना परियोजनाओं में निवेश कर सकते हैं।
    • लघु निवेशक कम राशि भी निवेश कर सकते हैं।
    • ये निवेश “लिक्विड” होते हैं। यानी निवेशक जब चाहे InvITs की यूनिट्स बेच सकते हैं, क्योंकि ये शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होती हैं।

परिसंपत्ति मुद्रीकरण (Asset Monetization) के बारे 

  • यह सरकार और उसके संस्थानों के लिए अप्रयुक्त या कम उपयोग की गई सार्वजनिक परिसंपत्तियों के आर्थिक मूल्य को अनलॉक करके नए राजस्व अर्जित करने की प्रक्रिया है।
  • भारत का मुद्रीकरण कार्यक्रम
    • राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (NMP): यह नीति आयोग की योजना है। इसका उद्देश्य 2022-2025 के दौरान सार्वजनिक परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण से 6 लाख करोड़ रुपये जुटाना है।
    • दूसरी ‘परिसंपत्ति मुद्रीकरण योजना (2025-2030’): इसकी घोषणा केंद्रीय बजट 2025-26 में की गई थी। इस योजना के तहत मुद्रीकरण से 10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।
    • अन्य योजनाएं: राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम (National Land Monetization Corporation) की स्थापना आदि।
  • Tags :
  • अवसंरचना निवेश ट्रस्ट (InvITs)
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