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क्रॉपिक (CROPIC) | Current Affairs | Vision IAS
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Table of Content

संक्षिप्त समाचार

Posted 19 Aug 2025

Updated 26 Aug 2025

5 min read

क्रॉपिक (CROPIC)

यह पहल वित्तीय सक्षमता बढ़ाने के लिए कृषि में डिजिटल नवाचारों का हिस्सा है।

क्रॉपिक (फसलों के रियल टाइम अवलोकन और फोटो का संग्रह) पहल के बारे में

  • यह प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत कृषि मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया एक मोबाइल ऐप है।
    • फसल चक्र के दौरान 4-5 बार फसलों की जियो-टैग की गई तस्वीरें लेना।
  • इसमें फोटो का विश्लेषण करने और उससे आवश्यक जानकारी प्राप्त करने हेतु AI-आधारित क्लाउड प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाएगा और इसे वेब-आधारित एक डैशबोर्ड पर देखा जा सकेगा।
  • वित्त-पोषण: यह PMFBY के अंतर्गत नवाचार एवं प्रौद्योगिकी कोष (FIAT) के माध्यम से किया जाएगा।
  • Tags :
  • CROPIC

अपतटीय क्षेत्रों में परमाणु खनिजों के संचालन अधिकार नियम, 2025 अधिसूचित (OFFSHORE AREAS ATOMIC MINERALS OPERATING RIGHT RULES, 2025 NOTIFIED)

ये नियम अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत अधिसूचित किए गए हैं। 

नियमों के बारे में:

  • उद्देश्य- अपतटीय क्षेत्रों में यूरेनियम और थोरियम जैसे परमाणु खनिजों के अन्वेषण एवं खनन को विनियमित करना।
  • ये नियम तभी लागू होंगे, जब परमाणु खनिजों का संकेंद्रण एक निश्चित न्यूनतम स्तर से अधिक होगा।
  • नियमों के तहत सरकार द्वारा नामित संस्थाओं को ही अन्वेषण लाइसेंस या उत्पादन पट्टे दिए जा सकते हैं।
    • यदि कोई विदेशी संस्था अन्वेषण कार्य करना चाहती है, तो उसे पहले सरकारी प्राधिकारियों से अनुमोदन लेना होगा।

भारत में प्रमुख परमाणु खनिज

  • यूरेनियम:
    • मुख्य भंडार: झारखंड, आंध्र प्रदेश, मेघालय, राजस्थान आदि।
      • जादूगोड़ा (झारखंड) देश की पहली खदान है, जहां वाणिज्यिक स्तर पर यूरेनियम निकाला गया।
    • अन्य महत्वपूर्ण खदानें: लांबापुर-पेड्डागट्टू (आंध्र प्रदेश), बगजाता खदान (झारखंड) आदि।
    • भारत में अधिकतर यूरेनियम भंडार छोटे हैं और दुनिया के प्रमुख यूरेनियम उत्पादक देशों की तुलना में काफी कम गुणवत्ता वाले हैं।
  • थोरियम:
    • भारत में यूरेनियम के भंडार सीमित हैं, लेकिन थोरियम के प्रचुर भंडार हैं।
    • मोनोजाइट में लगभग 8-10% थोरियम होता है।
    • केरल और ओडिशा के समुद्र तटों की रेत में मोनोजाइट के समृद्ध भंडार पाए जाते हैं।
  • Tags :
  • Offshore Areas Mineral

ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GLOBAL CAPABILITY CENTRE: GCC)

वित्त मंत्री ने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) की स्थापना को बढ़ावा देने और अधिक फॉर्च्यून 500 कंपनियों को भारत में आकर्षित करने के लिए उद्योग एवं सरकार से मिलकर काम करने का आग्रह किया है।वर्ष 2024 में, भारत में हर सप्ताह औसतन 1 नया GCC स्थापित हुआ था। 

GCC क्या है

  • GCC को ग्लोबल इन-हाउस सेंटर या कैप्टिव (GIC) भी कहा जाता है।
  • ये वैश्विक कंपनियों द्वारा बनाए गए विदेशी केंद्र होते हैं, जो अपनी मूल कंपनी को विविध प्रकार की सेवाएं प्रदान करते हैं।
    • जैसे-  IT सेवाएं, अनुसंधान और विकास (R&D) सेवाएं, ग्राहक सहायता इत्यादि।
  • ये केंद्र वैश्विक कॉरपोरेट संगठन की आंतरिक संगठनात्मक संरचना के अंतर्गत कार्य करते हैं।
  • भारत में GCC वृद्धि के लिए जिम्मेदार कारक: 
    • कम लागत में सेवाएं मिलना;
    • डिजिटल और नीतिगत तैयारी (स्मार्ट सिटीज़, डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रम);
    • कुशल और सस्ता कार्यबल (अंग्रेजी जानने वाले युवा);
    • बड़ा उपभोक्ता बाजार आदि।

भारत में GCC के विकास में चुनौतियां

  • टियर-II और टियर-III शहरों में कुशल कार्यबल की सीमित उपलब्धता;
  • अवसंरचना की कमी (भौतिक और डिजिटल कनेक्टिविटी);
  • जटिल विनियामक संरचनाएं;
  • साइबर सुरक्षा खतरे आदि।

आवश्यक रणनीतिक हस्तक्षेप

  • नई तकनीकों को अपनाना: जैसे- AI, ऑटोमेशन, क्लाउड कंप्यूटिंग आदि।
  • भू-राजनीतिक जटिलताओं से निपटना: जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्यों और परिणामी विनियामक अनिश्चितता से निपटने के लिए अति सक्रिय गवर्नेंस मॉडल अपनाना चाहिए।
  • कार्यबल रणनीतियों को पुनर्परिभाषित करना: इसमें प्रतिभा का कौशल विकास करना, नए कौशल सिखाना और हाइब्रिड वर्क मॉडल अपनाना आदि शामिल हैं।
  • संधारणीयता: GCC को पर्यावरणीय, सामाजिक और गवर्नेंस (ESG) लक्ष्यों के अनुरूप बनाया जाना चाहिए।
  • Tags :
  • Global Capability Centre (GCC)

दूरसंचार विभाग (DoT) ने राष्ट्रीय दूरसंचार नीति (NTP)-2025 {DOT RELEASES DRAFT NATIONAL TELECOM POLICY (NTP)-2025}

NTP-2025 का उद्देश्य राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018 में हुई प्रगति को आगे बढ़ाना है।

  • इस नीति के जरिए 5G/ 6G, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), क्वांटम कम्युनिकेशंस, सैटेलाइट नेटवर्क और ब्लॉकचेन जैसी उन्नत तकनीकों से उत्पन्न होने वाली नई चुनौतियों का समाधान पेश किया गया है।
  • यह नीति "भारत-एक दूरसंचार उत्पाद राष्ट्र" के दृष्टिकोण के तहत भारत को दूरसंचार प्रौद्योगिकी के लिए "पसंदीदा राष्ट्र" के रूप में स्थापित करने का प्रयास करती है।

NTP-2025 के बारे में

  • विज़न: सार्वभौमिक और सार्थक कनेक्टिविटी सुनिश्चित करके तथा सुरक्षित व संधारणीय दूरसंचार नेटवर्क्स का निर्माण करके भारत को एक डिजिटल रूप से सशक्त अर्थव्यवस्था में बदलना।
  • मिशन: इसमें छह रणनीतिक मिशनों की रूपरेखा दी गई है:
    • सार्वभौमिक और सार्थक कनेक्टिविटी: दूरसंचार नेटवर्क का विस्तार करना, सेवा की गुणवत्ता में सुधार करना तथा समावेशी डिजिटल भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करना।
    • नवाचार: अनुसंधान, स्टार्ट-अप्स और उद्योग-शैक्षिक जगत-सरकार के बीच संबंधों को मजबूत करना।
    • घरेलू विनिर्माण: कुशल कार्यबल, निवेश और डिजाइन-आधारित विनिर्माण के माध्यम से आर्थिक संवृद्धि को बढ़ावा देना।
    • सुरक्षित एवं विश्वसनीय दूरसंचार नेटवर्क: सुरक्षा बढ़ाना, साइबर हाइजीन को बढ़ावा देना और एक लचीला व भरोसेमंद दूरसंचार इकोसिस्टम का निर्माण करना।
    • ईज़ ऑफ लिविंग और ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस: दूरसंचार सेवाओं तक पहुंच को सुगम बनाना, डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देना और व्यापार के अनुकूल माहौल बनाना।
    • संधारणीय दूरसंचार: दूरसंचार के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए हरित प्रौद्योगिकियों, चक्रीय अर्थव्यवस्था और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना।
  • Tags :
  • Draft National Telecom Policy

एल्यूमीनियम और कॉपर (ALUMINIUM AND COPPER)

हाल ही में, केंद्र सरकार ने एल्यूमीनियम और कॉपर विज़न डाक्यूमेंट्स जारी किए। 

एल्यूमीनियम और कॉपर विज़न डाक्यूमेंट्स के बारे में

  • ये डाक्यूमेंट्स बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने के लिए दीर्घकालिक रणनीति प्रदान करेंगे।  साथ ही, कच्चे माल की निरंतर आपूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
  • कॉपर (तांबा) विज़न डॉक्यूमेंट: वर्ष 2047 तक देश में तांबे की मांग में छह गुना वृद्धि का अनुमान है। साथ ही, 2030 तक 5 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) अतिरिक्त कॉपर स्मेल्टिंग और रिफाइनिंग क्षमता जोड़ने की योजना है।
  • एल्यूमीनियम विज़न डॉक्यूमेंट: इसमें वर्ष 2047 तक एल्युमिनियम उत्पादन को छह गुना बढ़ाने का रोडमैप प्रस्तुत किया गया है। साथ ही, बॉक्साइट उत्पादन क्षमता को  बढ़ाकर 150 मिलियन टन प्रति वर्ष करने का लक्ष्य रखा गया है।  

तांबा और एल्यूमीनियम के उत्पादन क्षेत्र

एल्यूमीनियम/ बॉक्साइट

  • भारत:
    • भंडार: भारत में बॉक्साइट का सबसे अधिक 41% भंडार ओडिशा में है। इसके बाद छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में हैं।
  • ओडिशा बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। ओडिशा में भारत का 73% बॉक्साइट उत्पादन होता है।
  • विश्व:
    • चीन एल्यूमीनियम का सबसे बड़ा उत्पादक है। वहां विश्व का 58% एल्यूमीनियम उत्पादन होता है। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और भारत का स्थान है। 

तांबा

  • भारत:
    • भंडार: भारत में तांबे का सबसे अधिक 52.25% भंडार राजस्थान में है। इसके  बाद मध्य प्रदेश और झारखंड का स्थान है।
    • उत्पादन: वर्ष 2022-23 में मध्य प्रदेश तांबे का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य (देश का 57%) था। इसके बाद राजस्थान (43%) का स्थान था।
  • विश्व:
    • विश्व में चिली के पास तांबे का सबसे बड़ा भंडार (19%) है। इसके बाद पेरू और ऑस्ट्रेलिया (10%) का स्थान है। 
  • Tags :
  • Aluminium and Copper Vision Documents
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